सिर्फ 5 सेकंड में बदले अपनी जिंदगी | The 5 Second Rule Summary

” आपको यह जोर से और स्प्ष्ट सुनने की जरुरत है : कोई मदद को नहीं आ रहा है ,सब कुछ आप पर निर्भर है।”

-Mel Robbins.

परिचय-

क्या सच में सिर्फ 5 सेकंड आपकी ज़िन्दगी बदल सकता है ? स्पीकर और ऑथर मेल रॉबिंस का कहना है , बिलकुल बदल सकता है , और इतना ज्यादा बदल सकता है कि आपने इमेजिन भी नहीं किया होगा . क्या जो आपका पैशन है आप उस कैरियर को हासिल करना चाहते हैं ? क्या आप अपना हेल्थ और रिलेशनशिप इम्प्रूव करना चाहते हैं ? क्या आप और ज्यादा कॉफिडेंट होना चाहते हैं और अपने डर का सामना नीडरता से करना चाहते हैं ?

सिर्फ 5 सेकंड में बदले अपनी जिंदगी | The 5 Second Rule Summary

5 सेकंड रूल आपको सिखाएगा कि अगर आपने खुद को पीछे पकड़ कर रखा हुआ है तो उससे कैसे बाहर निकलना है , कैसे हिचकिचाना बंद करके और एक्शन लेकर आप फाइनली अपने सपनों का जीवन जी सकते हैं।

ये सिंपल technique आपके हैबिट्स को एक नया शेप देने में और आपकी ज़िन्दगी के किसी भी पहलु को बदलने करने में आपकी मदद करेगा.एक गाइड के रूप में रॉबिंस के साथ आप सीखेंगे कि कैसे एक सिंपल कमिटमेंट आपके जीवन को पूरी तरह बदल सकता है।

मैंने #5 Second Rule की खोज कैसे की ?

कभी कभी ज़िन्दगी में , आसान से आसान या छोटा से छोटा काम भी बहुत मुश्किल लगने लगता है . यहाँ तक कि एक ईमेल का जवाब देना या जिम जाना भी बहुत भारी लगता है . 47 की उम्र में ऑथर मेलरॉबिंस को हर रोज़ बिलकुल ऐसा ही लगता था . रॉबिंस के लिए , अलार्म बजने के बाद बेड से उतरना भी एक बहुत challenging काम था . उठने के साथ ही उन्हें बस उनके साथ हो रही सारी प्रोब्लम्स का ही ख़याल आता था जैसे – bounced चेक , उनके घर पर बैंक द्वारा लगाया गया घर खाली करने का नोटिस , उनका जॉबलेस होना , एक वाइफ और मदर के रूप में स्ट्रगल करना और अपने दर्द को कम करने के लिए शराब पीना . उनके हर दिन की शुरुआत बिलकुल ऐसे होती थी जैसे उनके जीवन में सब कुछ उथल पुथल हो गया हो . रॉबिंस अपनी लाइफ तो बदलना चाहती थी लेकिन उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कैसे.आखिर , एक रात उन्होंने टीवी पर एक ad देखा . उसमें एक राकेट लांच का टिपिकल 5-4-3-2-1 काउंटडाउन दिखाया जा रहा था . इससे इंपायर हो कर रॉबिंस ने डिसाइड किया कि वो अगले दिन बेड से बिलकुल एक rocket की तरह ही उठेंगी।

हालांकि , ये सुनने में बड़ा silly लग रहा था लेकिन जैसे ही सुबह अलार्म बजा तो रॉबिंस ने 5 से काउंटडाउन गिनना शुरू किया और अपने बेड से उठने में कामयाब हो गई . तो ऐसे हुई # 5 सेकंड रूल के आईडिया की शुरुआत।

जब आप #5 Second Rule का उपयोग करते हैं तो आप क्या उम्मीद कर सकते हैं ?

जब आपको किसी गोल को पाने की इच्छा महसूस हो तो 5 से उल्टा गिनना शुरू कीजिये और अपने बॉडी को मूव कीजिये . ऐसा करने से # 5 सेकंड रूल आपके लाइफ में एक ऐसा रिजल्ट क्रिएट करता है जिसे आप खुद देख सकते हैं , महसूस कर सकते हैं . मेल ने ये नोटिस किया और साइकोलॉजिकल रिसर्च भी ये कहती है किकोई एक्शन लेने का इंस्टिंक्ट और आपके ब्रेन का बहाने बना कर उसे टालने की कोशिश के बीच में 5 सेकंड का गैप या विंडो होता है . इस रूल को अपने जीवन में अप्लाई करने से आपइस बहाने बाज़ी को छोड़ कर अपने गोल को पाने के लिए एक्शन लेने लगेंगे . हमारे पूरे दिन मेंये 5 सेकंड का विंडो बार बार आता है।

जब आप इस रूल को फॉलो करेंगे तो आप देखेंगे कि अपने गोल को हासिल करने के लिए आप छोटे छोटे डिसिशन लेने लगे हैं . आप बहाने बनाना बंद कर देंगे और आपके रास्ते में आने वाली बुरी आदतों को भी छोड़ने लगेंगे . ये छोटे छोटे decisions जुड़ कर आपको एक बड़ा रिजल्ट देंगे . ये रूल तब तक काम करता रहेगा जब तक आप इसे यूज़ करते रहेंगे। ये आपको अपने जीवन से डर को दूर करने में और अपने decisons का कण्ट्रोल अपने हाथों में लेने में मदद करेगा।

#5 Second Rule क्यों काम करता हैं ?

# 5 सेकंड रूल इसलिए काम करता है क्योंकि ये बहुत सिंपल है.जब आपको किसी गोल को पाने की बहुत ज्यादा इच्छा हो या जो काम आपको करना चाहिए उसे करने से आप हिचकिचा रहे हों तो इस रूल को अपना कर एक्शन लीजिये . पीछे से गिनती शुरू कीजिये , 5-4-3-2-1 और जैसे ही ] तक पहुंचे तो तुरंत उठ जाइए . किसी चीज़ में अटके रहने के बजाय ये आपको काम करने के लिए फ़ोर्स करेगा . किसी काम को करने में जितना ज़्यादा समय हम सोचने में लगाते हैं उतना ही ज़्यादा चांस बढ़ जाता है कि हम वो काम कभी कर ही नहीं पाते.ये रूल हम इंसानों के इस बुरी हैबिट को ख़त्म करने में मदद करती है . आप इस रूल को 3 तरीकों से यूज़ कर सकते हैं।

पहला , अपनी पुरानी बुरी आदतों को बदल कर नई आदतों को अपना सकते हैं . दूसरा , आप इसे अपने डर को हारने में और अपने कांफिडेंस को बढ़ाने के लिए यूज़ कर सकते हैं.और तीसरा , आप अपने मन को कण्ट्रोल करके नेगेटिव विचारों और चिंताओं को ख़त्म कर सकते हैं . इस रूल को आप अपनी लाइफ के किसी भी हिस्से को और भी ज़्यादा अच्छा और बेहतर बनाने के लिए यूज़ कर सकते हैं क्योंकि ये “ आप ” पर काम करता है . इस रूल के द्वारा एक बुरी आदत को बदल कर आप खुद में एक ऐसा बदलाव लाते हैं जिसका पॉजिटिव असर ज़िन्दगी भर आपके साथ रहता है।

एवरीडे करेज ( Everyday Courage ) हम अक्सर साहस के किस्सों के बारे में सोचते हैं कि ऐसे हिम्मत के काम के लिए बुलंद हौसलों की ज़रुरत होती है , जिसने हिस्ट्री में न जाने कितने किस्सों को अमर कर दिया , लेकिन ये हिम्मत हम अपनी रोज़ की ज़िन्दगी में भी देख सकते हैं . डर और बेचैनी के पल हमें उनका सामना करने के लिए चैलेंज करते हैं.ये हिम्मत और साहस हम में से हर एक के अंदर पहले से मौजूद है . ज़िन्दगी में जबहमें इसकी सबसे ज्यादा ज़रुरत होती है , किसी मुसीबत का सामना करने के लिए और एक्शन लेने के लिए , तो ये हमें एक पुश और जोश देने का काम करता है . ये करेज अलग अलग रूप में आता है।

एक्जाम्पल के लिए , रोज़ा पार्क्स ने एक्स्ट्राऑर्डिनरी एवरीडे करेज ” का प्रदर्शन किया जब साल 1955 में अलबामा में एक बस में उसने अपनी सीट छोड़ने से मना कर दिया था . बाद में जब रोज़ा को ये किस्सा याद आया तो उसने कहा कि उसने ऐसा करने की प्लानिंग नहीं की थी और ना ही रुक कर इसके परिणाम के बारे में सोचा था . उसने बस उसी पल में ये डिसाइड किया था क्योंकि उसके बर्दास्त की सीमा पार हो चुकी थी.वो एक ” ब्लैक अमेरिकन ” के रूप में किये जाने वाले भेदभाव से बिलकुल थक गई थी . और इसलिए बिना डरे वो खुद के लिए खड़ी हुई . साहसी होने का मतलब हमेशा दुनिया को बदलना नहीं होता है , ये खुद को भी बदलना होता है।

आप किसका इंतजार कर रहे हैं।

हम सब ने ज़िन्दगी में “ वेटिंग गेम ” तो खेला ही है , बिज़नेस स्टार्ट करने के लिए सही समय के लिए वेट किया या खुद को ज़्यादा कॉफिडेंट बनाने के लिए वेट किया . इस वेट या इंतज़ार का कारण जो भी हो , इसने आपको पीछे पकड़ कर रखा हुआ है . क्योंकि आपके इंतज़ार का हर पल सिर्फ आपके सपनों को हासिल करने में देर नहीं करता बल्कि आप सही मायनों में अपने सपनों के खिलाफ काम कर रहे होते हैं . सच्चाई तो ये है कि “ राईट टाइम ” कुछ नहीं होता।

हम में कोई नहीं जानता कि हमारी जिंदगी कितने दिनों की है . हमारे पास बस अभी ये जो पल है वही मौजूद है और आप इन पलों को कैसे जीते हैं ये आप पर डिपेंड करता है . हम अक्सर अपने सपनों को हासिल करने के लिए दूसरों से एक पुश का वेट करते रह जाते हैं . हम बस उनके मुँह से सुनना चाहते हैं कि हमारा आईडिया कमाल का है और हम में वो काबिलियत है कि हम अपनी मंजिल को पा सकते हैं . बाहर ये दूसरों से सुनने की चाहत की जगह खुद अपने अंदर जोश भरो.चाहे आप कितने भी डरे हुए क्यों ना हों या कितने भी नर्वस क्यों ना हों , हिम्मत करके उठो और खुद को आगे लाओ . ” राईट मोमेंट ” कुछ नहीं होता लेकिन कोई भी मोमेंट ” राईट ” हो सकता है।

चलिए ई.एल.जेम्स की बात करते हैं . वो मशहूर नॉवेल ” फ़िफ्टी शेड्स ऑफ़ ग्रे ” की ऑथर हैं . किसी एजेंट या बुकडील के बिना जेम्स जो एक वर्किंग मदर हैं , ने ” ट्वाईलाईट ” से इंस्पायर हो कर लिखना शुरू कर दिया . समय के साथ , उनमें बुक लिखने का कॉन्फिडेंस आ गया , जो बाद में उन्होंने खुद पब्लिश भी की थी . सिर्फ़ चार दिनों में उस बुक की एक मिलियन कॉपी बिक गई थी . जब हम कोई एक्शन लेने के बारे में सोचते हैं तो उससे कुछ मिलने की गारंटी चाहते हैं . लेकिन ज़्यादातर समय इसकी कोई गारंटी नहीं होती।

ऐसा सोचना शुरू करो कि रिजल्ट मायने नहीं रखता.ज़्यादा मायने ये रखता है कि दुनिया में बाहर निकलकर , कोशिश कर के आप अपने अंदर की पॉवर को जगाए रखते हैं . अमेरिकन एक्टर मार्क रफ्फलो ने 600 बार ऑडिशन दिया जिसके बाद जाकर उन्हें अपना पहला रोल मिला . रोवियो , पोपुलर एंग्री बर्ड्स ” के क्रिएटर हैं जिन्होंने सक्सेस का स्वाद चखने से पहले कम से कम 50 गेम्स लांच किये थे . पिकासो ने अपने जीवन में 50,000 पेंटिंग्स बनाई थी लेकिन सिर्फ 100 को ही मास्टरपीस होने का ख़िताब मिला . बाहर की दुनिया में आने से आपको कई मौक़ों को आजमाने का चांस मिलता है जो शायाद आपको आम तौर पर नहीं मिल सकता . ” # 5 सेकंड रूल की मदद से आप ये ” वेटिंग गेम ” ख़त्म कर सकते हैं। और अपने सपनों को हासिल करने के लिए हिम्मत जुटा सकते हैं।

आपने इस तरह कभी नही महसूस किया होगा।

हो सकता है कि हम खुद को लॉजिकल डिसिशन लेने वाले मानते हों , लेकिन सच तो ये है कि हमारी फीलिंग्स ही ज़्यादातर हमारे डिसिशन लेती ही . तो अब आपको समझ में आ गया होगा कि किसी भी तरह का चेंज इतना मुश्किल क्यों लगताहै – हम जानते हैं कि हमें क्या करना चाहिए , लेकिन फाइनली हमारी फीलिंग्स ही डिसिशन लेती हैं . # 5 सेकंड रूल फीलिंग्स के खिलाफ़ जा कर तुरंत एक्शन लेने में हमारी मदद करता है . आप कैसा महसूस कर रहे हैं और आप क्या एक्शन ले रहे हैं , इन दोनों को अलग अलग करना होगा , तभी आप सक्सेसफुल हो पाएँगे . जब आप शुरुआत करते हैं तो रिजल्ट ज़रूरी नहीं होता , ये ज़रूरी होता है कि आपने शुरुआत करने के लिए कुछ किया , कोई तो एक्शन लिया।

इमेजिन कीजिये कि आप एक कंपनी में काम करते हैं और आपका गोल है कि आपको प्रमोशन मिल जाए . इसके लिए आपने कई बुक्स पढ़े , सेमीनार अटेंड किया और एक कोच की मदद भी ले ली.लेकिन आप अच्छे से जानते हैं कि प्रमोशन पाने के लिए आपको बोलने की , अपने आइडियाज को आगे रखने की ज़रुरत है लेकिन आप ये कर ही नहीं पाते . तो यहाँ आप आसानी से इस रूल को अप्लाई कर सकते हैं . मीटिंग में चुप रहने की इस आदत को ख़त्म कीजिये क्योंकि ऐसा करके आप खुद पर ही डाउट कर रहे हैं 5-4-3-2-1 गिनती शुरू करके खुद को बोलने के लिए , अपने आईडिया शेयर करने के लिए पुश कीजिये।

नियम का उपयोग कैसे शुरू करें ?

चेंज सिंपल तो है लेकिन इजी नहीं . अपने लाइफ में इस रूल को अपनाने का सबसे अच्छा तरीका है ” वेक अप चैलेंज ” से शुरू करना.अपने उठने के समय से 30 मिनट पहले का अलार्म सेट कीजिये और सुबह अलार्म बजने पर 5-4-3-2-7 काउंट करके अपने बेड सेबाहर निकलिए . ये इस रूल को अप्लाई करने का बहुत इफेक्टिव तरीका है , इसके कई कारण हैं . पहला , ये बहुत सीधा साधा और सिंपल तरीका है . जब आपका अलार्म बजेगा तो या तो आप इस रूल को फॉलो करेंगे या अपने अलार्म को बंद कर देंगे।

अगर आप अपनी सुबह की रूटीन चेंज करने में सफल हो गए तो आप अपनी लाइफ के किसी भी पार्ट को चेंज कर सकते हैं . साइकोलोजिस्ट जिसे “ एक्टिवेशन एनर्जी ” कहते हैं , आप उसे एक्सपीरियंस करेंगे.ये एक बड़ा पुश है जो आपको शुरुआत में चाहिए ताकि आप अपने लाइफ को चेंज कर सकें . आपको सुबह बेड से उठना बहुत मुश्किल लगेगा लेकिन उसके बाद पूरा दिन बहुत लगने लगेगा . जिस तरह रॉबिंस ने अलार्म बंद करके अपने दिन का सामना करने के लिए इस रूल को फॉलो किया , इस रूल ने उनके जीवन में कई पॉजिटिव changes किये। स्टीफेन की भी कुछ ऐसी ही कहानी है . उसके पास 4 महीने से कोई जॉब नहीं थी . फिर उसने इस रूल को अप्लाई किया , शुरुआत ” वेक अप चैलेंज ” से की . जल्दी उठने की आदत ने उसके सोचने के तरीके को ही बदल दिया . वो एक ऐसा जॉब ढूँढने में कामयाब हुआ जो सच में उसे बहुत पसंद था . अब स्टीफेन अपना बिल चुका सकता था और बचे हुए पैसों को सेव करने लगा था . एक छोटे से चेंज ने उसकी पूरी लाइफ में पाजिटिविटी भर दी थी।

अपने स्वास्थ्य में सुधार करें।

बहुत लोगों का गोल होता है अपने हेल्थ को पहले से और ज़्यादा बेहतर बनाना , फिर चाहे वो वेट कम करना हो , या अपने हार्ट को और फिट करना हो या फिर किसी बीमारी से खुद को हील करना.आज हमारे पास एक healthy लाइफ जीने के बारे में इतना ज़्यादा इनफार्मेशन होने के बावजूद भी ये किसी स्ट्रगल से कम नहीं है . यहाँ फिर हमारी फीलिंग्स डिसिशन लेने लगती हैं . आपको पता है कि फ़ास्ट फूड खरीदने से ज़्यादा अच्छा घर का खाना होता है लेकिन फिर भी आप बाहर से ही खाना खरीदते हैं क्योंकि सुबह आपका खाना बनाने का ” मन ” नहीं था . आपको पता है कि टीवी देखने की जगह आपको वॉक के लिए जाना चाहिए , लेकिन बाहर ठण्ड में जाने का आपका ” मन ” नहीं करता . अब यहाँ पर इस रूल की ज़रुरत है।

इस रूल को अपनाकर “ मेरा मन नहीं कर रहा है ” ये कहने की आदत को छोडिये . जैसे ही आपके मन में ख़याल आए कि मुझे जिम के लिए तैयार होना है या सोडा की जगह पानी पीना है , बस तुरंत वो कर लीजिये , अपने फीलिंग्स को बीच में मत आने दीजिये . बस 5 से पीछे काउंट करना शुरू करके अपने मन की आवाज़ को सुन लीजिये . आपकी फीलिंग्स मायने नहीं रखती बल्कि एक्शंस मायने रखते हैं क्योंकि सिर्फ़ वो ही आपके हेल्थ और लाइफ में एक ऐसा चेंज कर सकते हैं जिससे आपको जीवन भर फायदा होगा।

फरवरी 2014 में चार्ली का वज़न 383 पाउंड था . उसने मेल रॉबिंस के TEDTalk को सुना.उस दिन से उसने # 5 सेकंड रूल को यूज़ करना शुरू कर दिया ताकि वो ऐसे एक्शंस ले सके जो उसकी हेल्थ को ज़्यादा बेहतर बना सकते हैं . चार्ली ने 176 पाउंड वज़न कम किया और अपनी लाइफ तो 360 डिग्री चेंज कर दिया . वो ऐसा करने में इसलिए सफल हुआ क्योंकि उसने अपनी फीलिंग्स की ना सुनकर , ऐसे एक्शंस लिएजो उसकी हेल्थ के लिए ज़्यादा अच्छे थे।

उत्पादकता बढाओ।

प्रोडक्टिविटी आपके फोकस करने की एबिलिटी पर डिपेंड करती है . आपको ध्यान भटकाने वाली चीज़ों को इगनोर कर के अपने काम पर फोकस करना है और फिर बेकार के कामों में समय बर्बाद करने के बजाय उस काम को पहले करना है जो सबसे ज़्यादा ज़रूरी है . ध्यान भटकाने वाली चीज़ों को मैनेज करने के बारे में आपको सीरियस होना होगा . हम बहुत अच्छे से जानते हैं कि smartphone , ipad और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक devices पर आने वाले notification हमें कितना distract करते हैं . ये सब जानते हुए भी , आप उसे इग्नोर क्यों नहीं करते ? ये सिंपल तो है मगर इतना आसान नहीं है , हैना ? लेकिन ऐसा करने से आपकी प्रोडक्टिविटी में इतना बड़ा फ़र्क आएगा कि आप हैरान हो जाएँगे . अब आपको एक्टिव होकर अपने दिन को ठीक से प्लान करने की ज़रूरत है . इसका ये मतलब भी है कि आपको सुबह के 2-3 घंटों का फ़ायदा उठाना चाहिए क्योंकि रिसर्च ने ये प्रूव किया है कि हमारा माइंड उस समय सबसे ज़्यादा फ्रेश होता है इसलिए हम उस समय सबसे ज़्यादा productive होते हैं।

ऑथर रॉबिंस ने अपनी सुबह को मैनेज करके ही तो अपनी प्रोडक्टिविटी को इतना बढ़ा दिया था . उन्होंने एक स्ट्रिक्ट मोर्निंग रूटीन बनाया और उसे डट कर फॉलो भी किया . वो अपना फ़ोन बाथरूम में छोड़ देती थीं ताकी ध्यान भटकाने वाले notification चेक करने की इच्छा न हो . उन्होंने एक ” मस्ट – लिस्ट ” बनाया था , जो ऐसे कामों की लिस्ट थी जिन्हें अपने गोल्स को पाने के लिए करना ज़रूरी था , वो उसे ब्रश करते समय देखा करती थीं . वो सुबह 7:30 के पहले 30 मिनट का समय अपने दिन को प्लान करने के लिए यूज़ करती थी , ख़ासकर उस काम की प्लानिंग करती थी जो ” मस्ट – लिस्ट ” में शामिल थे . वो अपना फ़ोन बिलकुल चेक नहीं करती थीं ताकि सुबह का सारा काम ठीक से और जल्दी कम्पलीट कर सकें . आपभी इस रूटीन को फॉलो करके अपनी प्रोडक्टिविटी को बहुत ज्यादा बढ़ा सकते हैं।

टालमटोल खत्म करो।

हम सबने कभी ना कभी अपनी लाइफ में काम को कल पर टालने की आदत से स्ट्रगल किया है . कभी कभी ये आपकी मदद भी करता है जैसे आप किसी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हों और आपको बाद में एक ज़्यादा अच्छा आईडिया आता है तो आप उसे प्रोजेक्ट में यूज़ कर सकते हैं . थोडा ब्रेक लेकर और कुछ दिनों के बाद आप अपने प्रोजेक्ट को एक फ्रेश नज़रिए से देख सकते हैं.तो वहीं दूसरी तरफ , इसका एक नेगेटिव साइड भी होता है जो आपके गोल्स और आईडिया को पूरी तरह ख़राब कर सकता है।

इसका ये मतलब है कि ये जानते हुए भी कि कुछ ऐसे काम करने बाकी है जो बेहद ज़रूरी हैं , जिन्हें ना करने से बहुत नुक्सान होगा , लेकिन आप फिर भी उसे बस कल पर टालते रहते हैं . पर लोग ये नहीं समझते कि ये विनाश करने वाली आदत आलस नहीं है – ये बस स्ट्रेस को हैंडल करने की कोशिश है.किसी ईमेल या paperowrk के कारण आप परेशान नहीं है . ये तो कोई बड़ी चीज़ है जैसे कोई पर्सनल matter याफाइनेंसियल matter . किसी मुश्किल काम को टालने से आप कुछ समय के लिए राहत तो महसूसकरसकते हैं लेकिन आगे जाकर यही आदत स्ट्रेस को बहुत ज़्यादा बढ़ा देता है . आप इस टालने की बुरी आदत को 3 सिंपल स्टेप्स में मैनेज कर सकते हैं।

पहला , इस आदत के लिए खुद को दोष देना बंद कीजिये , खुद को माफ़ कीजिये . इस रूल को यूज़ करके खुद के बारे में नेगेटिव सोचना बंद कीजिये।

दूसरा , जो आप बनना चाहते हैं खुद को बिलकुल वैसा इमेजिन कीजिये और इस हैबिट को छोड़ कर इससे बाहर आइये।

तीसरा , इस रूल को यूज़ करके शुरू हो जाइये . जिन चीज़ों को आप avoid कर रहे हैं उन पर ठोस कदम उठाकर ध्यान दीजिये फिर चाहे वो दिन में 15 मिनट का समय ही क्यों न हो। ये मेथड तो बहुत सिंपल है लेकिन आपको एक्शन लेने की ज़रुरत है।

आइये एक एक्जाम्पल देखते हैं . स्कॉट एक पीएचडी स्टूडेंट है और अपनी वाइफ और बच्चे के साथ रहता है . वो पैसों की तंगी के कारण बहुत निराश है और ज़रूरी काम को बस टालते रहता है . उसकी इस आदत की वजह से सीरियस प्रॉब्लम खडी होने लगी थी . वो खुद को एक फेलियर समझने लगा था।

फिर उसने इस रूल को अप्लाई करना शुरू किया . पहले , उसने खुद को इस बुरी आदत के लिए माफ़ किया.उसे एहसास हुआ कि उसके फाइनेंसियल स्ट्रेस का असर उसके काम पर नहीं होना चाहिए . अब उसने अपनी लाइफ को कण्ट्रोल करने की शुरुआत कर दी थी.फिर उसने खुद को वैसा इमेजिन करना शुरू किया जैसा वो बनना चाहता था , जो था एक प्रोफेसर बनना . इस रूल ने उसे समझदारी से फैसला करना सिखा दिया था . फाइनली , स्कॉट उस काम को करने में लग गयाजो वो लम्बे समय से टालता जा रहा था . उसने ज्यादा सोचा नहीं बस इसमें कूद पड़ा और अपनी लाइफ को पहले से ज्यादा ख़ुशहाल बना लिया।

चिंता करना बंद करो।

अगर आप हमसे से ज़्यादातर लोगों की तरह अपनी लाइफ एन्जॉय करने की जगह अपना टाइम और एनर्जी बस इस बात की चिंता करने में बर्बाद कर देते हैं कि “ क्या होगा ” . ऐसा लगता है किहमचिंता करने की एक डिफ़ॉल्ट सेटिंग से साथ ही पैदा हुए हैं . जब हम किसी चीज़ पर ध्यान नहीं देते तो बस चिंता करना शुरू देते हैं . ये जैसे हमारा डिफ़ॉल्ट सेटिंग हो गया है . और आखिर में ये हमें ज़िन्दगी के खूबसूरत पलोंका आनंद नहीं लेने देता , उसे हमसे छीन लेता है।

जब आपका मन नेगेटिव थॉट्स और मायूस करने वाले विचारों पर जाने लगे तो आप खुद पर उसका असर मत होने दीजिये , इसके बजाय इस रूल को अप्लाई कर के अपनी सोच को पॉजिटिव डायरेक्शन में लगा दीजिये . रॉबिंसने एक किस्सा शेयर किया , जब वो अपनी बेटियों के पेरू ट्रिप से वापस आने का इंतज़ार कर रही थी . पूरे दिन उनके मन में बस डरावने ख़याल ही आ रहे थे जैसे , प्लेन क्रेश , फ्लाइट का लेट होना और लगेज का खो जाना . लेकिन फिर इस रूल की मदद से उन्होंने अपने थॉट्स को पॉजिटिव डायरेक्शन में मोड़ने की कोशिश की।

जब भी उन्हें कोई बुरा ख़याल आता तो वो 5 से उलटी गिनती शुरू कर देतीं और ये सोचने लगती कि उनके बच्चे अपनी ट्रिप की बातें बताने के लिए कितने excited होंगे . जब आपको कोई चिंता सताने लगे तब आप भी इस रूल को फॉलो कर के अपने थॉट्स को बदल सकते हैं। अपनी चिंता को एक पॉजिटिव फीलिंग के साथ replace कर दीजिये।

अगर आपको लगे कि आप negativity की ओर चले जा रहे हैं तो अपने लाइफ के किसी खूबसूरत पल को याद कीजिये या ऐसे पल को याद कीजिये जिसके लिए आप बहुत शुक्रगुज़ार हैं।

बेचैनी/तनाव का अंत करें।

बेचैनी तो चिंता से भी बढ़कर है . इसे कण्ट्रोल करने का उपाय है इसे समझना और फिरबदलना . हम कभी ना कभी अपने लाइफ में ऐसे पलों को एक्सपीरियंस ज़रूर करेंगे जहां हमें घबराहट होने लगेगी , जैसेजबहम अचानक किसी चलती गाड़ी के सामने आ जाते हैं . बचैनीउसे कहते हैं जब चिंता बिना किसी बड़े कारण के होने लगे . आप कप में कॉफ़ी डालने जैसा सीधा साधा काम कर रहे होंगे और अचानक से आपको बेचैनी होने लगेगी।

इस बेचैनी को ठीक करने के दो तरीकों के बारे में तो हम जानते हैं – जो हैथेरेपी और दवाइयां . एक और तरीका है जिसे ऑथर “ रीफ्रेमिंग स्ट्रेटेजी ” कहती हैं.इसका मतलब होता है अपनी बेचैनी को excitement में बदल देना क्योंकि हमारे शरीर के लिए इन दोनों ही फीलिंग बिलकुल सेम होती है . ये तो हमारा ब्रेन है जो उन्हें अलग अलग नाम से बुलाता है . जब आपको चिंता होने लगे तब आप # 5 सेकंड रूल को यूज़ करके इसे घबराहट में बदलने से रोक सकते हैं . 5 सेकाउंट करना शुरू कीजिये और खुद से कहिये कि आपबस excited हैं . रॉबिंस ने हमेशा इस बेचैनी की वजह से स्ट्रगल किया है।

वो लोगों के सामने स्पीच देने से पहले हमेशा ” रीफ्रेमिंग स्ट्रेटेजी ” का इस्तेमाल करती हैं . स्पीच से पहले , उनके दिल की धड़कन बहुत बढ़ जाती है , हथेलियों में पसीना आ जाता है . इसलिए खुद को ये कहने के बजाय कि वो नर्वस हैं , वो ये कहती हैं कि वोबसस्पीच देने के लिए बहुत excited हैं . बीट फियर ( Beat Fear ) एक इंसान की ज़िन्दगी का एक अहम् हिस्सा ये भी है जब उसे किसी डरावनी सिचुएशन का सामना करना पड़ता है . हमारे डर अलग अलग रूप ले लेते हैं लेकिन जो चीज़ उन सब में कॉमन है वो है हमसे उस पल को एन्जॉय करने का सुख छीन लेना . जब भी किसी भयानक सिचुएशन का सामना करना पड़े तो एक सिंपल technique के द्वारा आप अपने डर को हरा सकते हैं . इसमें एक “ एंकर थॉट ” बनाया जाता है यानी एक ऐसा थॉट जो आपको सहारा देता है।

ये बिलकुल वैसा है जैसे कि अपने डर का सामना करने से एक पॉजिटिव चीज़ आपको मिलती है तोअगर आप एक ऐसी सिचुएशन का सामना कर रहे हैं जिसमें आप बहुत डरे हुए हैं तो इस थॉट को पकड़ कर आप अपने डर को कुछ कम कर सकते हैं . रॉबिंस ने इस technique को अपने उड़ने के डर के माध्यम से एक्सप्लेन किया है.जब भी उन्हें फ्लाइट से कहीं जाना पड़ता तो उनके मन में बस डरावने ख़याल ही आते थे।

जैसे प्लेस क्रेश या टेररिस्ट अटैक , जो उन्हें बुरी तरह डरा देता था . इसडरसे जीतने के लिए उन्होंने हर फ्लाइट के पहले एक एंकर थॉट ” बनाने का फैसला किया . जहां भी उन्हें जाना होता था वो वहाँ की किसी ख़ास चीज़ के बारे में एक थॉट बना लिया करती थी , जैसे मिशिगन के बीच पर वो अपनी माँ के साथ घूम रहीं हैं . फ्लाइट के दौरान जब कभी उनका डर बढ़ जाता तो वो # 5 सेकंड रूल को अप्लाई करके उस खूबसूरत लम्हे की ओर अपना ध्यान खींच लेती थी जिसका उन्हें बेसब्री से इंतज़ार था , जो फ्लाइट के लैंड होने के बाद उन्हें मिलने वाला था.धीरे धीरे इस technique ने अपना जादू दिखा दिया , रॉबिंस का डर ख़त्म होने लगा था . चाहे आपको किसी भी तरह का डर क्यों ना हो , आप भी इस technique को अप्लाई कर के डर को हरा सकते हैं।

वास्तविक आत्मविश्वास का निर्माण करें।

हम कभी कभी कॉन्फिडेंस को पर्सनालिटी की एक स्पेशल क्वालिटी मान लेते हैं , लेकिन ये तो बस एक स्किल है , खुद पर और अपने टैलेंट पर भरोसा करने का स्किल . दूसरे स्किल की तरह ही , प्रैक्टिस के साथ ये कॉन्फिडेंस बढ़ता जाताहै . कॉन्फिडेंस बढाने का मतलब ऐसे छोटे छोटे स्टेप्स लेना जो आपको आपके कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकालता है . समय के साथ , ये छोटे छोटे स्टेप्स एक बड़ा रिजल्ट देते हैं जो आप में एक रियल औरकभी ना हिलने वाला सेल्फ कॉन्फिडेंस भर देते हैं . आप अपना कॉन्फिडेंस बनाने के लिए # 5 सेकंड रूल को अपना सकते हैं और खुद को छोटे छोटे challenges दे सकते हैं।

जैसे रॉबिंस ने एक इंजिनियर के ग्रुप को चैलेंज किया कि इस रूल को यूज़ करके उन्हें खुद को तीन नए लोगों से introduce करना होगा . ऑडियंस में से एक इंजिनियर उस कंपनी के सीईओ के आमने सामने था , जिसे वो बहुत रेस्पेक्ट करता था , लेकिन उसके सामने आते ही मानो उसके पैर ही जमगए हों.वो पूरे दिन खुद से बहुत निराश महसूस कर रहा था . लेकिन अगले दिन , मोर्निंगवॉक के दौरान उसकी मुलाकात फिर उस सीईओ से हुई . इस रूल को अप्लाई करके , हिम्मत जुटा कर वो सीईओ के पास बात करने चला गया . वो बहुत अच्छे से बात कर पाया , यहाँ तक कि उसे जो एक नया आईडिया आया था उसने सीईओ के साथ वो भी शेयर किया।

इस छोटी सी हिम्मत ने उसकी कंपनी में उसके लिए कई मौकों के दरवाज़े खोल दिए थेऔर उसका कॉन्फिडेंस भी बढा दिया था . परसुइंग पैशन ( Pursuing Passion ) किसी प्रोसेस में एक एक्टिव रोल निभा कर ही आपको अपना पैशन मिलता है . ढूंढना शुरू कीजिये – वो कौन सी चीजें हैं जो आपको excited कर देती हैं या वो कौन सी चीजें हैंजिनके बारे में आप सोचना बंद ही नहीं कर पाते . जब आपको वो चीज़ मिल जाए जिसमें आपका सच में इंटरेस्ट है तबउसके बारे में ज़्यादा सीखने के लिए और गहराई में जाइये।

ऑनलाइन वीडियोस देखिये , क्लास ज्वाइन करिए या उस फील्ड में जो लोग पहले से हैं उनसे जानकारी लीजिये . ऐसा करने में हिचकिचाइए मत . # 5 सेकंड रूल को अप्लाई कर के जोभी चीज़ आपके मन में एक जोश भर दे और आपके आत्मा को संतुष्टि दे उसे हासिल करने में बस जुट जाइये . आप देखेंगे कि आपकीये खोज आपको एक ऐसी स्पीड देगी और उस रास्ते पर ले जाएगी जो आपको आपके पैशन से मिला देगा.एक बार वो हो गया तो नए मौके आपको मिलते चले जाएँगे . तो अपने दिल की सुनने की हिम्मत जुटाइए . हो सकता है कि जो अभी सिर्फ़ आपका पैशन है , वो आपके जीवन का रास्ता या करियर बन जाए।

लेकिन ये होने में वक़्त लगता है,इसके बारे में सोचने और प्लान करने में . खुद से ये पूछने के बजाय कि इस नए रास्ते पर चलने का आपका मन ” है क्या , खुद से ये पूछिए कि आप ” तैयार ” हैं क्या . अगर आपका जवाब हाँ है , तो इस रूल को फॉलो करके एक अंतिम पुश दीजिये और अपने सपने को जीने के लिए एक्शन लेना शुरू कीजिये . 5-4-3-2-1 , अपने ड्रीम को रियलिटी बनाइये !

अपने रिश्तों को समृद्ध करें।

क्या आप जानते हैं किअपने रिलेशनशिप को इम्प्रूव करना बहुत आसान है : अगर अप कुछ कहना चाहते हैं , तो कह दीजिये . अक्सर ज़िन्दगी में , ऐसे एक्सपीरियंस को शेयर करना बहुत मुश्किल होता है जो बहुत प्राइवेट होते हैं या डरावने होते हैं . ये हमारी डिफ़ॉल्ट सेटिंग हो गई है कि हम ज़रूरी बातों को अनकहा छोड़ देते हैं क्योंकि वो हमें ज़्यादा आसान लगता है . # 5 सेकंड रूल आपको उन बातों को कहने में मदद करेगा , जो आप कहना तो चाहते हैं लेकिन आपकी फीलिंग्स आपको पीछे पकड़ कर रखती है.पीछे से काउंट करना शुरू कीजिये और आप जो कहना चाहते हैं बस कह दीजिये।

मेल को ये एक्सपीरियंस तब हुआ जब उनके पिता ने अचानक से उन्हें मेसेज करके उन्हें फ़ोन करने के लिए कहा . और फिर मेल के मन में सारे नेगेटिव थॉट्स आने लगे जैसे फैमिली में किसी की डेथ या फैमिली का किसी मुसीबत में फंसना। फ़ोन पर उनके पिता ने एक्सप्लेन किया कि उन्हेंब्रेन की सर्जरी कराने की ज़रुरत है . मेल पूछना चाहती थी कि क्या उन्हें डर लग रहा है लेकिन उसने खुद को रोक लिया . फिर इस रूल को यूज़ करकेउसने खुद को पुश किया औरआखिरपूछ लिया . उनके पिता के साथ उनका ये एक बेहद खूबसूरत पल था जब उनके पिता नेकहा कि उन्होंने एक अच्छी और खुशियों से भरी ज़िन्दगी जी थी . याद रखियेगा , कुछ बोलने में हिचकिचाहट या डर महसूस हो सकता है लेकिन ज़रूरी बातों को अनकहा मत छोडिये , ज्यादा सोचिये मत , बस कह दीजिये।

निष्कर्ष-

तो आपने सीखा कि कैसे बस 5 सेकंड आपकी पुरानी आदतों और सोचने के तरीके को बदल कर आपको काम करने का ऐसा तरीका सिखाता है जो आपको आपके पसंद का जीवन जीने के और भी करीब ले जाता है . आपने सीखा कि इस सिंपल technique को आप अपने लाइफ के किसी भी हिस्से में अप्लाई कर सकते हैं फिर चाहे वो हेल्थ हो , रिलेशनशिप हो या आपका बिज़नेस और करियर हो।

आपने सीखा कि अपने पैशन को कैसे फॉलो करें और अपनी लाइफ को कैसे बदलें ताकि आपको ज़्यादा satisfaction मिल सके . अगर आप अपना ड्रीम बिज़नेस स्टार्ट करना चाहते हैं , या एक्सरसाइज करना स्टार्ट करना चाहते हैं या अपने बच्चों की तरफ ज्यादा पेशेंट होना चाहते हैं , तो आपको इस रूल को अपनाकर यहाँ से शुरुआत करनी चाहिए।

# 5 सेकंड रूल आपको ऐसा पॉवर देता है कि आप सच में अपनी ज़िन्दगी कोपूरी तरह से बदल सकते हैं . ये आपकी पुरानी आदतों और नेगेटिव थॉट्स को नष्ट करके आपको अभी इस पल में जीना सिखाता है . अपने पैशन को हासिल करने के लिए निकल पड़िए , अपनेडर को जीत कर आगे बढिएऔर अपने सपनों के जीवन को खुल कर जी लीजिये . और आप तो अब सीख ही चुके हैं कि ये कितना आसान है , 5-4-3-2-1 , बस एक्शन लेकर काम पर लग जाइये।

5 second rule book summary in hindi

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