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THE POWER OF POSITIVE THINKING -A Practical G … Norman Vincent Peale How To Create Your Own Happiness-
ये एक ज़ाहिर बात है कि लाइफ में बदलाव लाने के लिए आपको अपनी सोच बदलनी पडती है . जब तक आप अपने सोचने का तरीका नहीं बदलोगे तब तक आपकी जिंदगी में कोई बदलाव नहीं आ सकता . अगर आप एक खुशहाल जिंदगी का सपना देखते हो जहाँ खुशियाँ और सफलता आपके कदम चूमे तो आपको आज और अभी से पॉज़िटिव थिकिंग अपनानी होगी।
इस समरी में आप पढ़ोगे कि हम उन प्रॉब्लम्स को कैसे हैंडल कर सकते है जो हमारी खुशियों के आड़े आती है . सबसे पहले तो आपको एक सिंपल ट्रिक सीखनी होगी जो आपका सेल्फ कांफिडेंस बढ़ाएगी और आपको अपने इन्फेरियोरिटी कॉम्प्लेक्स यानि दूसरों से कमतर होने कि भावना से निकलने में मदद करेगी . दूसरी चीज़ , आप सीखेंगे कि एक पीसफुल लाइफ जीने के लिए एक पीसफुल माइंड का होना बहुत जरूरी है।
आप एक ऐसी नई स्ट्रेटेजी सीखोगे जिससे आपको पीस ऑफ़ माइंड अचीव करने में हेल्प मिलेगी और आप इसके अनगिनत फ़ायदे एन्जॉय कर सकोगे . अगली चीज़ जो आप सीखोगे वो ये है कि कैसे अपनी एनर्जी बूस्ट की जाए ताकि आप थके बिना और बगैर किसी स्ट्रेस के पूरा दिन काम कर सके . आप जानोगे की वो कौन सी तीन चीजें हैं जो आपको अपनी डेली लाइफ में शामिल करनी है ताकि आपका एनर्जी लेवल हर वक्त फुल रहे।
इसके साथ ही आप ये समझने लगेंगे कि हमारी खुशियों का राज हमारे ही अंदर है . अगर आप भी अब तक अपनी खुशियों को बाहरी चीजों में ढूँढने की कोशिश कर रहे थे तो ये समरी सुनकर आपको समझ आएगा कि असली ख़ुशी क्या होती है , वो कैसे काम करती है और कैसे आप अपनी जिंदगी में इसे अचीव कर सकते हो . और अंत में , क्योंकि आप एनर्जेटिक बनें रहने में इतनी मेहनत करते है तो आपको ये जानने का भी हक बनता है कि अपनी एनर्जी को लीक होने से कैसे रोका जाए . हम एनर्जी लॉस के कारण पर फोकस करेंगे जो है गुस्सा और आपको बताएँगे कि अपने गुस्से और मूड स्विंग यानि बदलते मूड की problem को कैसे हैंडल करना चाहिए। ये समरी एक प्रैक्टिकल गाईड है जो आपके सोचने , महसूस करने और बर्ताव करने के तरीके को बदलकर रख देगी।
अपने आप पर यकीन रखिये
आपको पता है कि एक ऐसी मैजिकल चीज़ है जिसे अगर आप अपनी लाइफ में शामिल कर लोगे तो आपको और ज्यादा खुशियाँ और सक्सेस मिलेगी ? जानना चाहते है ये मैजिकल चीज़ क्या है ? ये है आपका सेल्फ कॉन्फिडेंस . अगर इन्सान में एक स्ट्रोंग सेन्स ऑफ़ सुपीरियोरिटी और सेल्फ – वर्थ की फीलिंग ना हो तो वो कभी लाइफ में सक्सेसफुल नहीं हो सकता।
क्योंकि उसे कभी पता नहीं चल पायेगा कि उसका टू सेल्फ यानि असली पहचान क्या है और उसे लाइफ से क्या चाहिए . हो सकता है आपके अंदर सेल्फ कॉन्फिडेंस की कमी हो , पर आप सीख सकते हो कि अपने अंदर हिम्मत और कॉन्फ़िडेंस कैसे बढ़ाया जाए . अक्सर , हमारा इन्फीरियरीटी कॉम्प्लेक्स यानि खुद को दूसरों से कम समझने के पीछे की वजह है हमारा बचपन . जैसे कि अगर बचपन में किसी के साथ कोई बुरा एक्सपिरिएंस हुआ । या किसी किस्म की वायलेंस हुई है तो उसका गहरा असर उसके दिलो – दिमाग पर पड़ता है और बड़े होने पर भी उसका सेल्फ- कॉन्फ़िडेंस डेवलप नहीं हो पाता।
जैसे एक्जाम्पल के लिए कुछ लोग पूरी जिंदगी अपने बड़े भाई – बहनों से पीछे एक परछाई कि तरह रहते है . हो सकता है बचपन में आपके बड़े भाई या बहन के अच्छे मार्क्स आते रहे और आप एवरेज मार्क्स में पास होते रहे हो . तो हर बार यही चीज़ होती है . आपके पेरेंट्स आपको डांटते – फटकारते है , हमेशा आपके बड़े भाई या बहन से आपको कम्पेयर करते है , ये भी एक वजह है कि आपका सेल्फ कोंफीडेंस धीरे – धीरे कमजोर पड़ने लगता है।
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आपको शायद लगे इससे आपको कोई फर्क नहीं पड़ने वाला पर असल में ये अंदर ही अंदर आपको अपने बड़े भाई – बहनों के आगे इन्फीरियर यानि कमतर बना देता है। और फिर आपको हमेशा यही लगता रहता है कि आप कभी उन जैसे नहीं बन सकते और बस एक एवरेज लाइफ जीने के लिए पैदा हुए है . हालाँकि आपने यहाँ एक पॉइंट मिस कर दिया . ये जरूरी नहीं कि जिस किसी के भी स्कूल में परफेक्ट मार्क्स आते हैं वो फ्यूचर में सक्सेसफुल ही होगा . आपको ये जानकार हैरानी होगी कि दुनिया में कुछ बेहद सस्केसफुल लोग पढाई में एकदम जीरो थे।
याद रखें की जो सबसे इम्पोर्टेट ग्रेड है वो आपको स्कूल में नहीं बल्कि रियल लाइफ में लाना है . क्योंकि आपको बचपन में किसी ने ये नहीं बताया तो आप बड़े होने पर भी इन्फ़ीरीयोरिटी काम्प्लेक्स का शिकार बन जाते हैं यानि आपको हमेशा खुद पर डाउट रहने लगता है और ये चीज़ कभी आपको कॉन्फिडेंट महसूस नहीं करने देती . तो हम इन्फीरियर फील करने से कैसे बचे , तो इसका जवाब है कि हमे अपने अंदर सेल्फ कॉन्फ़िडेंस डेवलप करना ही होगा।
नेगेटिव सेल्फ – टॉक एकदम बंद कर दो , खुद की अच्छाईयों पर ध्यान दो , रोज़ खुद के बारे में पॉज़िटिव बोलो . अगर आप अपने माइंड में खुद की एक कमज़ोर इमेज रखते हो तो इस इमेज को आज ही तोड़ डालो , एक मज़बूत और कॉन्फिडेंट इंसान की तरह खुद को इमेजिन करो . ये यकीन कर लो कि आप सब कुछ कर सकते हो , आपके अंदर वो काबिलियत है।
किसी भी नई सिचुएशन से डरो मत , हमेशा याद रखो कि आप सब कुछ कर सकते हो , आपके अंदर वो काबिलियत है . किसी भी नई सिचुएशन से डरो मत , हमेशा याद रखो कि problem से ज्यादा स्ट्रोंग होता है आपका एटीट्यूड . एक बार अगर आप पॉजिटिव एटीट्यूड के साथ लाइफ को जीना सीख गए तो समझ लो आप कोई भी सिचुएशन हैंडल कर सकते हो । लेकिन अगर आप नेगेटिव एटीट्यूड से चीजों को देखते हैं तो कोई छोटी सी परेशानी भी आपकी जिंदगी पर बुरा असर डालती है।
शांत दिमाग नई ऊर्जा उत्पन्न करता है
एक पीसफुल और स्ट्रेस फ्री लाइफ जीना हर किसी का सपना होता है . पर ये भी सच है कि लाइफ में पीस ऑफ़ माइंड पाने के लिए हमे काफी एफर्ट्स करने पड़ते है पर एक शांत और सुकून भरी जिंदगी जीने के लिए जो भी किया जाए वो कम है . एक पीसफुल माइंड के साथ जीने के लिए आपको अपनी थिंकिंग यानि सोचने का तरीका बदलना होगा।
इसलिए आज और अभी से ही इसकी प्रैक्टिस कर दो . दिन में दो बार अपने माइंड को एकदम खाली रखो . अपने डर , इन्सिक्योरिटी और अपने सारे नेगेटिव थॉट और फीलिंग्स दूर करने की कोशिश करो . जब आप ये एक्सरसाईंज़ फिनिश करेंगे तो यकीन मानो आपको बेहद सुकून और शान्ति महूसस होगा . एक बार आपके माइंड से सारे नेगेटिव थॉट चले जाएँ तो इसे पॉज़िटिव थॉट से भरना शुरू कर दो . आपको जिंदगी में क्या – क्या मिला है उसके बारे में सोचो . इमेजिन करो आप एक क्रिएटिव और हेल्दी लाइफ जी रहे हो।
खुद को एक स्ट्रोंग और लायक इंसान के रूप में इमेजिन करो , इस तरह आपके दिमाग में नेगेटिव थॉट कभी नहीं आ पायेंगे क्योंकि आपका माइंड पहले ही पॉज़िटिव थॉट से भरा होगा . फिर धीरे – धीरे वक़्त के साथ ये पॉज़िटिव थॉट आपके माइंड में इतनी मजबूती से जम जायेंगे कि नेगेटिव थॉट खुद ब खुद कमजोर पड़ते चले जायेंगे . फिर एक दिन ऐसा भी आएगा कि आपकी लाइफ में इन नेगेटिव thoughts के लिए कोई जगह नहीं होगी और उसके बाद आपका हर पल सुकून और शान्ति से गुजरेगा।
अगर ये टेक्नीक आपके लाइफ स्टाइल को सूट नहीं करती तो आप साइलेंस की प्रैक्टिस कर सकते हो . हर रोज़ आपको 15 मिनट तक चुप रहने की प्रैक्टिस करनी होगी . अपने घर का शांत कमरा चूज़ कर लो जहाँ आपको अकेले में 15 मिनट या उससे ज्यादा एकदम ख़ामोशी से बैठना है . इस दौरान आपको कुछ नहीं करना है , बस अपने अंदर की खामोशी को महसूस करो और उस पल को एन्जॉय करो।
साईंलेंस में एक हीलिंग इफेक्ट होता है जो हमे अंदर से मजबूत बनाता है . आप इस स्टोरी से कुछ सीख सकते हो . ऑथर नॉर्मन विन्सेंट पील और उनके दो दोस्त एक होटल में ब्रेकफ़ास्ट कर रहे थे . वो तीनो आपस में डिस्कस कर रहे थे कि उन्हें पिछली रात कैसी नींद आई . एक दोस्त जिसका नाम एंडी था , बार – बार नींद ना आने की शिकायत कर रहा था . उसने बताया कि उसकी सारी रात बिस्तर पर करवटें बदलते गुजरती है और वो सुबह काफी थका हुआ फील करता है।
एंडी ने ये भी बताया कि रात को सोने से पहले उसने न्यूज़ देखी थी . खबरे सुनकर वो इतना डिस्टर्ब हुआ कि उसके मन में नेगेटिव और स्ट्रेसफुल थॉट आ रहे थे और इसी हालत में वो सोने चला गया . जबकि दूसरा दोस्त जिसे हमे बडी बुलायेंगे , उसने बताया कि उसकी रात बहुत अच्छी गुजरी , उसे भरपूर नींद आई और सुबह वो एकदम फ्रेश उठा था , हालाँकि वो भी सोने से पहले रेडियो पर न्यूज सुन रहा था और अखबार पढ़ रहा था . बडी ने कहा कि वो हर रात सोने से पहले एक सीक्रेट रुटीन फॉलो करता है।
नॉर्मन और एंडी उसका सीक्रेट प्लान जानने के लिए excited हो रहे थे . बडी ने बताया कि उसने ये रूटीन अपने पिता से सीखा था और वो सीक्रेट था कि हर रात पूरी फेमिली को साथ में प्रार्थना करने के बाद सोने जाना चाहिए क्योंकि जब हम प्रार्थना करके हमें मन में शांति और सुकून महसूस होता है और इन्सान के अंदर एक भरोसा जागता है जो उसे पॉज़िटिव फीलिंग्स से भर देता है।
बड्डी रोज़ सोने से पहले अपना मेंटल एटीट्यूड चेंज करता था ताकि वो बिलकुल एक छोटे बच्चे की तरह गहरी और अच्छी नींद सो सके . अगर आप भी इस लेवल का पीसफुल माइंड अचीव करना चाहते हो तो आपको इस चैप्टर में बताए गए सारे ट्रिक्स प्रैक्टिस करने होंगे . ये आपको और भी पॉज़िटिव रहने में और एक पीसफुल लाइफ जीने में हेल्प करेंगे।
निरंतर ऊर्जा कैसे प्राप्त करें?
कई बार हम भूल ही जाते है कि हमारा माइंड कितना पॉवरफुल है . हम ये भूल जाते है कि अगर हम लगातार ये सोचे कि हम थक गए है तो हम सच में थकान महूसस करने लग जाते है , बेशक चाहे हमने कुछ भी ना किया हो . एक अनलिमिटेड सोर्स ऑफ़ एनर्जी का सीक्रेट है कि हम अपनी बॉडी का पूरा ध्यान रखे . जब हम हेल्दी चीजें खायेंगे , रोज़ वर्क आउट करेंगे और पूरी नींद लेंगे और अनहेल्दी हैबिट से दूर रहेंगे जैसे कि स्मोकिंग , ड्रिंकिंग या ज़रूरत से ज़्यादा खाना तो हमारे अंदर इतनी एनर्जी होगी कि हम पूरा दिन हार्ड वर्क करने के बावजूद भी नहीं थकेंगे।
अपने एनर्जी लेवल को फुल करने का एक और तरीका है , एक बेलेंस्ड ईमोशनल लाइफ जीना . अगर आपकी बॉडी , माइंड और स्पिरिट सेम ताल से ताल मिलाकर चल रहे है तो आप हमेशा स्ट्रोंग रहोगे और घंटो बगैर थके काम करने की पॉवर आपके अंदर होगी . आपकी एनर्जी आपकी उम्र या हालात पर dependent नहीं होती क्योंकि हमारे फिजिकल स्टेट पर सीधे – सीधे हमारे इमोश्नल स्टेट यानि भावनाओं का असर पड़ता है और हमारे इमोश्नल स्टेट पर सीधे असर पड़ता है हमारे मेंटल स्टेट का । चलिए हम फिर से थॉट पर चलते है कि ये कैसे हमारी लाइफ को तोड़ या जोड़ सकते है।
एक बिजनेसमेन सैम एक बार बड़ी मुसीबत में फंस गया था . उसका एक औरत से कई महीनो तक अफेयर चला और वो अब काफी गिल्टी फील कर रहा था क्योंकि वो औरत शादीशुदा थी । वो इस रिश्ते को यही खत्म करना चाहता था जबकि वो औरत ऐसा नहीं चाहती थी , उसने सैम को धमकी दी कि वो अपने पति को सब कुछ बता देगी।
सैम को अपनी पब्लिक इमेज की बडी फ़िक्र थी और वो नहीं चाहता था कि उसे अपने घरवालो के सामने शर्मिंदा होना पड़े इसलिए वो चुप रहा . वो खुद को फंसा हुआ महूर कर रहा था और समझ नहीं पा रहा था कि कैसे इस मुसीबत से बाहर निकले . टेंशन और स्ट्रेस की वजह से सैम की हालत खराब हो रही थी , वो बहुत परेशान और दुखी रहने लगा था।
उसे रात को ढंग से नींद भी नहीं आती थी . तो इस मामले को सोल्व करने के लिए सैम ने साईकोथेरपी की हेल्प लेने की सोची . उसने थेरपिस्ट से कहा कि उसे ऐसी दवाई दे जिससे उसे रात में नींद आ जाए पर परेशानी ये थी कि दवाई लेने के बाद भी कुछ असर नहीं हुआ । फिर उसके थेरपिस्ट ने दवाई बदलवाकर दूसरी दवाई लेनी शुरू की पर इससे भी कुछ बात नहीं बनी . उसकी नींद ना आने की problem दिनों – दिन बढती ही जा रही थी . दो या तीन महीने तक सैम एक खतरनाक तरह के insomnia यानि नींद ना आने कि बीमारी का शिकार रहा . फिर जल्द ही इस बीमारी ने उसकी लाइफ पर असर डालना शुरू कर दिया।
साइकोथेरपिस्ट ने सैम को सलाह दी कि उसे ऑथर नॉर्मन से मिलना चाहिए . शुरुवात में सैम को यकीन नहीं हुआ कि ये आईडिया काम करेगा क्योंकि उसने यही सोचा कि जब दवाईयों से बात नहीं बनी तो अब कोई क्या कर लेगा . लेकिन कुछ दिनों बाद सैम एक दिन नॉर्मन के पास गया और उन्हें पूरी कहानी सुनाई . नॉर्मन ने कहा कि उसे नींद भला कैसे आएगी जब उसके बिस्तर पर दो और मेहमान उसके साथ हमेशा है।
ये सुनकर सैम बड़ा हैरान हुआ और उसने जवाब दिया कि वो तो अकेला सोता है . तो नॉर्मन ने बताया कि जिन दो मेहमानों की वो बात कर रहे है वो है डर और गिल्ट , जो सैम के मन में बैठे हुए है . सैम को बदनामी का डर सता रहा था और उसे अपने किये पर पछतावा भी था . धीरे – धीरे नॉर्मन ने सैम को ये एक्स्पेट करने में मदद कि की उसने गलत किया है जिसके लिए उसे ऊपरवाले से अपने गुनाहों की माफ़ी मांगनी चाहिए . और फिर कुछ ही दिनों बाद सैम को जिंदगी एकदम नॉर्मल हो गई , उसे अब रात को ठीक से नींद आने लगी थी और दिन भर वो एनर्जेटिक बना रहता था।
जैसा कि हमने इस चैप्टर के शुरुवात में ही डिस्कस किया था , दिन भर एनर्जेटिक बने रहने के लिए हमे अपनी बॉडी , माइंड और स्पिरिट तीनो का ख्याल रखना होगा।
प्रार्थना से शक्ति का प्रयास करें
कुछ लोग मानते है कि अगर उन्हें कोई फिजिकल problem है तो इसका मतलब है कि उनकी बॉडी में कुछ गडबड है . लेकिन वो ये कभी नहीं सोचते कि मेंटल हेल्थ और spiritual हेल्थ की भी उतनी ही importance है . आपको समझना होगा कि फिजिकल हेल्थ एक्सपर्ट्स भी अपने हीलिंग प्रोसेस के दौरान पॉवर ऑफ़ प्रेयर पर भरोसा करते है . कई बार जब किसी में कोई disability होती है तो उनके अंदर सुकून और चैन की कमी हो जाती है।
अगर आप फिजिकली फिट रहना चाहते हो तो आपको अपनी spiritual और मेंटल हेल्थ भी मजबूत करनी होगी . जैसे दुनिया में हर तरह की पॉवर रीलीज़ करने के लिए साइंटिफिक मेथड यूज़ किए जाते है , वैसे ही प्रार्थना करने से हमारे अंदर पॉज़िटिव एनर्जी रीलीज़ होती है . ये एनर्जी आपको नैचुरली बूढ़े होने में यानि समय से पहले बूढ़े होने से बचाती है और कई तरह की हेल्थ problem से दूर रखती है।
किसी भी प्रेयर प्रैक्टिस का मकसद होता है अपने मन और आत्मा को खोल देना ताकि हम भगवान की शक्ति को महसूस कर सके जो इस दुनिया की सबसे बडी शक्ति है . जब आपको ये पॉवर मिलती है तो आपको अंदर नसों में अनलिमिटेड एनर्जी फ्लो होती हुई महसूस होती है।
कुछ साल पहले बिल नाम के आदमी ने न्यू यॉर्क में एक छोटा सा बिजनेस स्टार्ट किया था . उसके पास तब सिर्फ एक एम्प्लोई हुआ करता था और जिस जगह पर उनका बिजनेस था , वो जगह ऐसी थी जैसे दीवार में एक छेद हो , यानी इतनी छोटी सी जगह से वो अपना बिजनेस चला रहे थे . फिर कुछ सालो बाद वो एक बडी जगह पर शिफ्ट हो गए । फिर कुछ टाइम बाद उससे भी बडी जगह पर शिफ्ट हुए , उनका छोटा सा बिजनेस अब काफी सक्सेसफुल हो गया था।
जब उनसे इस कामयाबी का सीक्रेट पूछा गया तो बिल ने हमेशा यही कहा कि सीक्रेट है उनका हार्ड वर्क , पॉज़िटिव एटीट्यूड और प्रार्थना . बेशक ये आदमी काफी क्रिएटिव और स्पेशल था पर अपनी इन क्वालिटीज़ पर dependent रहने के अलावा उसने पॉवर ऑफ़ प्रेयर पर हमेशा यकीन किया।
बिल ने एक सक्सेसफुल बिजनेस का फ़ॉर्मूला बताया जिसके तीन स्टेप्स है : Prayerize , Picturize और Actualize . सबसे पहले तो अगर बिल को कभी कोई समस्या होती तो वो भगवान से इसे शेयर करता . उसे जिंदगी में जो कुछ चाहिए था , उसके बारे में वो ऊपरवाले से बात करता , क्योंकि उसे किसी और से ज्यादा भगवान पर भरोसा था।
दूसरा , जब उसकी problem का हल मिलता या वो कोई चीज़ मांगता तो फिर उसके बाद वो पिक्चराईज़ करता यानी जो चीज़ आपको चाहिए जब आप उसकी एक मेंटल इमेज बनाते हो या एक पेपर पर प्रिंट कर लेते हो तो आप उस पिक्चर को रोज़ देख सकते हो और इस तरह आप दिन – रात उस सपने को पूरा करने के लिए मेहनत करने लगते हो और इसका असर कुछ ऐसा होता है कि एक दिन अपना सपना हकीकत में बादल जाता है।
तीसरा , अपनी विश पिक्चराईज़ करने के बाद आप unconsciously अपना सपना पूरा होते देखते हो . इसे बिल एक्चुअलाईज़ कहते हैं।
आप इस मेथड की प्रैक्टिस करके या कोई भी प्रेयर रुटीन फॉलो करके जो आपकी डेली रूटीन में फिट बैठ सके , आप बेहतर रिज़ल्ट अचीव कर सकते हो . इस बात की पूरी गारंटी है कि इस मेथड से आपको एक अच्छी जॉब और अच्छी मेंटल , फिजिकल और spiritual हैल्थ मिल सकती है।
अपनी खुद की खुशी कैसे तलाशें?
बड़े दुःख की बात है कि लोग अपने रिलेशनशिप में या दुनिया कि चीजों में खुशियों की तलाश करते नजर आते है . पर हमे सच्ची ख़ुशी तभी मिलेगी जब हम अंदर से खुश होंगे क्योंकि एक हम ही है जो खुद को वाकई में खुश रख सकते है वर्ना अगर हम अंदर से नाखुश है तो दुनिया की तमाम दौलत और शोहरत भी हमे खुश नहीं कर सकती।
खुश रहना दुनिया का सबसे आसान काम है . रोज़ सुबह उठकर ये डिसाइड कर लो कि आज आप खुश रहोगे , और फिर देखना आपका पूरा दिन कैसे हंसी – ख़ुशी गुजरता है . सेम चीज़ दुःख के साथ भी है , अगर आप अंदर से दुखी और नाखुश है और खुद को बार – बार यही कहते है तो चाहे कुछ भी हो जाए आप हमेशा दुखी रहोगे।
अब आप खुश रहना चाहते हो या उदास , मर्जी आपकी है . ये सच है कि कई बार सिचुएशन हमारे कण्ट्रोल से बाहर होती है । लाइफ में कुछ ऐसी चीज़े होती है जो हमे उदास और दुखी कर देती है पर ऐसी घटनाओं के बगैर भी अक्सर लोग अपनी सोच या एटीट्यूड की वजह से दुखी रहते है एच . सी . मैटर्न ( H.C. Mattern ) एक खुशमिजाज़ इन्सान है जिन्हें ट्रैवल करना काफी पंसद है और अक्सर वो अपनी वाइफ मैरी मैटर्न को साथ लेकर घूमने निकल जाते हैं . ये लोग जहाँ जाते है एक कार्ड हमेशा साथ में रखते है . ये कार्ड ही उनकी सारी खुशियों की वजह है . उनकी खुशियाँ उन लोगो तक भी फ़ैल जाती है जो इस कपल से मिलते है।
अगर आप ये कार्ड पढ़ें तो इसमें कुछ यूं लिखा है “ If you want to be happy , let go of hate and worry . Live a simple life . Always give more than you receive . Think less of yourself and more of other people ” जिसका मतलब है कि अगर आप खुश रहना चाहते हैं , तो नफरत और चिंता को छोड़ दें । सिम्पल जीवन जिएं । आपको जितना मिलता है उससे ज़्यादा दूसरों को दें । अपने बारे में कम और दूसरों के बारे में ज्यादा सोचें । इस बात को अपनी लाइफ में अप्लाई करने की कोशिश करो और रिज़ल्ट खुद देख लो !
आप शायद सोच रहे होंगे कि ये कार्ड बड़ा टिपिकल और पुराना है , हाँ , ये काफी पुराने विचार को दिखाता है पर इसे एक या दो हफ्ते के लिए ट्राई करके देखो , आपको खुद पता चल जाएगा कि आपकी लाइफ में क्या फर्क आया है . आप देखोगे कि ये आपकी सोच से कहीं ज्यादा पॉवरफुल है और लाइफ को पूरी तरह बदलने की ताकत रखता है।
जब आप अपनी सोच बदलते हो तो आपके महसूस करने का तरीका भी बदल जाता जब आप अंदर से खुश होते हैं तो आपको दुनिया में हर तरफ खुशियाँ ही खुशियाँ नज़र आती है . एक बार जब आप अपनी इनर हैप्पीनेस अचीव कर लोगे तो आपको ऐसा लगेगा जैसे आप एक अलग ही संसार में रहते हो . बेशक आप इसी दुनिया में रहोगे पर आप अंदर से बदल चुके होंगे यानी आप खुद का ही एक बैटर वर्ज़न बन चुके होंगे।
फ्यूमिंग और फ्रेटिंग बंद करो
क्या आप जानते है , जब आप गुस्से में होते हो , उस वक्त सबसे कमजोर होते हो ? ज्यादा एनर्जी हासिल करने के लिए जो स्टेप्स हमने चैप्टर में डिस्कस किये थे , अगर आप उन्हें फॉलो करते हो तो शायद आप ये भी जानना चाहोगे कि हम इतनी जल्दी अपनी एनर्जी कैसे खो देते है . सबसे पहले तो स्पीड से भागती लाइफ को थोडा लगाम दो । शायद आपको एहसास नहीं होगा पर आज की मॉडर्न लाइफ में हम जी नहीं रहे है बल्कि पागलो की तरह भागते जा रहे है।
अब जैसे एक्जाम्पल के लिए अपनी लाइफस्टाइल पर एक नज़र डालिए , हम स्पीड में चलते है , स्पीड में खाते है , स्पीड में ड्राइव करते है क्योंकि हम सब किसी ना किसी चीज़ के पीछे भाग रहे है . हम सब लाइफ में कुछ ना कुछ अचीव करने की होड़ में लगे हुए हैं . आज की ये भागती ज़िंदगी कई लोगो का जीवन बर्बाद कर रही है . लोग अपने दिमाग और हौसले को नुकसान पहुंचा रहे है।
तेज़ी से दौड़ती ये ज़िंदगी बेहद ज़हरीली बनती जा रही है और हमे कई तरह की बीमारियाँ रही है जैसे स्ट्रेस , गुस्सा और मानसिक अशांति . इसका एक ही हल है कि हम जरा स्पीड को काबू में रखे और दिमाग में उठते इस शोर – शराबे को शांत करने की कोशिश करे । कोशिश करे कि हम एक नैचुरल और नॉर्मल लाइफ जिएँ लाइफ में सबसे जरूरी है हमारी मेंटल और spiritual health और कोशिश करे कि हम कम से कम गुस्सा करें।
गुस्से को कम करने का एक आसान तरीका है- पहले एक चेयर पर बैठ जाएँ . पूरी तरह से बॉडी और माइंड को रिलेक्स करे , इतना शांत रहे जैसे कोई शांत , गहरी झील हो . अब अगले तीन मिनट के लिए कोई ऐसा सीन याद करे जो आपको बेहद खूबसूरत और रिलैक्सिंग लगा हो . सुनिए , आपके अंदर की खामोशी आपसे क्या कहती है , अपने अंदर की शांति और खामोशी को गहराई से महूसस करे।
ये एक बडी इफेक्टिव एकसरसाइज़ है पर इसका पूरा फाइदा लेने के लिए रेगुलर इसकी प्रैक्टिस करते रहे . चलिए हम एक एक्जाम्पल से समझने की कोशिश करते है . एक बार एक बिजनेसमेन जिसे बात – बात पर गुस्सा आता था , वो एक डॉक्टर के पास गया . ये बिजनेसमेन बड़ा हाइपरएक्टिव था और वो डॉक्टर को अपने बिजी वर्क लाइफ के बारे में बताने लगा . बिजनेसमेन ने डॉक्टर को बताया कि वो हमेशा घर पर अपना ऑफिस का काम लेकर जाता है क्योंकि उसके पास बहुत सारा काम होता है . फिर देर रात तक वो पहले अपना काम खत्म करता है और फिर सोने जाता है . तो डॉक्टर ने उससे पूछा कि वो ऐसा क्यों करता है , क्यों नहीं वो किसी और की मदद ले लेता या फिर अपना कुछ काम किसी और क्यों नहीं सौंप देता।
डॉक्टर की बात सुनकर बिजनेसमेन को बड़ा गुस्सा आया , उसे लगा डॉक्टर उसकी इन्सल्ट कर रहा है तो उसने बेहद गुस्से से डॉक्टर को जवाब दिया . उसने डॉक्टर को बताया कि वो किसी की हेल्प नहीं ले सकता क्योंकि उसकी जगह कोई और ये काम उतने अच्छे से और जल्दी पूरा नहीं कर सकता . उसकी कम्पनी सिर्फ उस पर ही डिपेंड करती है . इस पर डॉक्टर ने कहा ठीक है , “ मैं तुम्हे एक प्रीस्क्रिपशन लिखकर देता हूँ जो तुम्हे फॉलो करना है ” प्रीस्क्रिपशन ये था कि बिजनेसमेन को हर रोज़ काम से दो घंटे का ब्रेक लेकर वॉक पर जाना होगा और हफ्ते में एक दिन की छुट्टी लेकर वो किसी कब्रिस्तान में जाएगा . बिजनेसमें कब्रिस्तान जाने की बात सुनकर चौंक गया।
तो डॉक्टर ने समझाया कि बिजनेसमेन को जाकर उन लोगो की कब्र देखनी चाहिए जो अब इस दुनिया में नहीं है और इस बारे पर गौर करना चाहिए कि कभी इन लोगो को भी यही गलतफहमी थी कि उनके बगैर कोई काम नहीं हो सकता , लेकिन आज ये लोग कितनी शान्ति से अपनी कब्रों में सो रहे है जबकि दुनिया उनके बगैर आज भी बड़े मज़े से चल रही है।
यानी बिजनेसमेन को ये बात समझनी होगी कि कभी जो लोग बड़े इम्पोर्टेट हुआ करते थे , आज इस दुनिया में नहीं है पर उनके बिना किसी का कोई काम नहीं रुका . हम चाहे रहे या ना रहे पर दुनिया का कोई काम कभी नहीं रुकता और ये एक कड़वी सच्चाई है . बिजनेसमेन समझ गया कि डॉक्टर उसे क्या समझाना चाहता है।
उसने तय कर लिया कि वो अब एक रिलेक्स माइंड के साथ लाइफ जियेगा . वो समझ चुका था कि खुद को कैसे ज्यादा एप्रीशियेट करना है और बस यहीं से उसका गुस्सा कम होता चला गया . वो आज पहले से ज़्यादा सुकून और शान्ति से जी रहा है और उसका काम भी पहले से बढ़िया चल रहा है . हमे लगता है कि हम भागदौड़ करके काफी कुछ अचीव कर लेंगे पर ऐसा नहीं है . ये भाग – दौड़ हमारी सेहत और मन की शान्ति दोनों छीन रही है।
हमारे अंदर सब्र की कमी है और हमे बात – बात पर गुस्सा आता है क्योंकि हमारा एनर्जी लेवल जीरो है . दरअसल आज की तेज़ रफ़्तार वाली ज़िंदगी में कॉम्पटीशन बहुत बढ़ गया है और लोग एक – दूसरे से आगे बढने की होड़ में लगे हुए है . आज के इन्सान में पैसों और चीजों को लेकर काफी लगाव है और यही वजह है कि लोग अंदर से दुखी और परेशान है . हम अपनी सारी परेशानियों से तुरंत छुटकारा तो नहीं पा सकते पर हाँ इस तेज़ रफ़्तार वाली जिंदगी को लगाम देकर सुकून और सेहत भरी जिंदगी जीने की कोशिश जरूर कर सकते है क्योंकि एक शांत और खुशहाल जिदंगी का यही सीक्रेट है।
निष्कर्ष
खुशियों और खुशहाली से भरी जिंदगी हर इंसान कि सबसे बड़ी चाहत होती है . हम अपने रिश्तों में और अपनी इच्छाओं में खुशियाँ पाना चाहते है . लेकिन सच्ची ख़ुशी हमे तभी मिलती है जब हम अंदर से खुश रहते है और अंदर से खुश रहने के लिए अपनी सोच में बदलाव लाना जरूरी है . अपने सोचने का तरीका चेंज करके हम अपनी लाइफ को पूरी तरह से बादल सकते हैं।
इस समरी में आपने सीखा कि इन्सान को सबसे ज्यादा खुद पर यकीन रखना चाहिए । आपको अपने पुराने और दर्द भरे experience से बाहर निकलना ही होगा . आप शायद ये बात नहीं जानते होंगे पर बचपन में हुए बुरे अनुभवों का असर काफी गहराई से हमारे आज पर पड़ता है . अगर आपको लो सेल्फ – कॉन्फिडेंस की problem है तो इससे डील करने के लिए आपको सेल्फ टॉक की प्रैक्टिस और अपनी एक पॉज़िटिव मेंटल इमेज बनाने की कोशिश करनी चाहिए . अगर आप सच में स्ट्रोंग बनना चाहते हो तो खुद को हमेशा एक स्ट्रोंग इंसान समझो।
खुद को कभी भी कमजोर मत समझना . आपने ये भी सीखा कि एक पीसफुल माइंड ही एक पीसफुल लाइफ की तरफ लेकर जाता है . आपने दो नई तरह कि प्रैक्टिस के बारे में पढ़ा जो एक पीसफुल लाइफ जीने का सीक्रेट है . इसका एक एक्जाम्पल एम्प्टी योर माइंड टेक्नीक का यूज़ करना ।
इसे ट्राई करके देखिए , ये इतना इफेक्टिव है कि आप हैरान रह जायेंगे . और क्योंकि हमारी एनर्जी ही हमे अपने डेली रूटीन के काम करने में हेल्प करती है तो ये समरी हमे एक हेल्दी बॉडी , हेल्दी माइंड और हेल्दी स्पिरिट के साथ पूरा दिन एनर्जेटिक रहने का तरीका सिखाती है . अगर आप अपना एनर्जी लेवल बढ़ा भी लेते है तो भी आपको इसे लीक होने से रोकना होगा।
एक चीज़ है जो हमारी एनर्जी लॉस की वजह बनता है और वो है हमारा गुस्सा . लेकिन आप जानते है कि हम अपनी जिंदगी की भागदौड़ कम करके आप अपने गुस्से पर काबू पा सकते है । ये एक फैक्ट है कि आज की भाग – दौड़ भरी लाइफ हमारे गुस्से और स्ट्रेस लेवल को बढ़ा रही है तो अगर आपको कभी गुस्सा आये तो वॉक पर चले जाओ या ब्रीदिंग एक्सरसाईंज़ करो ताकि आपको थोडा वक्त मिल सके और आपका माइंड रिलेक्स फील करे।
हर वो इन्सान जो अपनी लाइफ में और ज्यादा positivity लाना चाहता है , उन्हें ये समरी पढ़नी चाहिए जिसमे उन्हें थ्योरी और practical चीजें दोनों दी गयी हैं . तो इस समरी में दी गयी बातों को फॉलो कीजिए और आज से ही एक हेल्दी , पीसफुल , और भी पॉज़िटिव माइंड , हार्ट और स्पिरिट के साथ जीने का गोल सेट कीजिये।
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