कल्याण सिंह ( 5 जनवरी 1932) भारतीय राजनेता थे। वे राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रह चुके थे। इससे पहले कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके थे। कल्याण जी दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके थे, और उन्हें 26 अगस्त 2014 को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। उन्हें राष्ट्रवादी राजनेता के रूप में जाना जाता था।
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कल्याण सिंह चर्चा में क्यो
यूपी की राजधानी लखनऊ के एसजीपीजीआई (SGPGI) में भर्ती उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह (Former CM Kalyan Singh) की हालत नाजुक बनी हुई थी। कल्याण सिंह 89 साल के थे। उन्हें 4 जुलाई को संक्रमण और बेहोशी के बाद भर्ती किया गया था। इससे पहले राम मनोहर लोहिया ऑफ मेडिकल साइंस में इलाज चल रहा था।
कल्याण सिंह का निधन-
लंबे समय से बीमार चल रहे कल्याण सिंह जी का दिनांक 21 अगस्त 2021 को 89 साल की उम्र में लखनऊ के SGPGI में निधन हो गया। कल्याण सिंह को लोग बाबू जी के नाम से भी पुकारते थे। कल्याण सिंह जी के निधन से पूरे देश में शोक का लहर हैं।
जन्मतिथि | 5 जनवरी 1932 |
जन्मस्थान | गांव- माधोली, तहसील-अटरोली, जिला- अलीगढ़, संयुक्त प्रांत, ब्रिटिश भारत (अब, उत्तर प्रदेश, भारत) |
मृत्यु | 21अगस्त 2021 |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | अलीगढ़, उत्तर प्रदेश, भारत |
राशि | मकर |
कॉलेज | धर्म समाज महाविद्यालय, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश |
शैक्षणिक योग्यता | • बीए • एलएलबी |
धर्म | हिन्दू |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी (वर्तमान में) |
जाति | लोधी |
खाद्य आदत | शाकाहारी |
शौक/अभिरुचि | समाचार और कबड्डी देखना, संगीत सुनना, धार्मिक शास्त्र पढ़ना |
माता-पिता | पिता – तेजपाल सिंह लोधी माता – सीता देवी |
पत्नी | रामवती देवी |
बच्चे | बेटा – राजवीर सिंह (राजनेता) बेटी – प्रभा देवी |
पसंदीदा राजनेता | अटल बिहारी वाजपेयी |
कुल संपत्ति (लगभग) | ₹62 लाख (वर्ष 2014 के अनुसार) |
जीवन परिचय
कल्याण सिंह का जन्म पांच जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले की अतरौली तहसील के मढ़ौली गांव में हुआ है । उनकी पत्नी का नाम रामवती है। कल्याण सिंह के एक पुत्र एक पुत्री है। कल्य़ाण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह राजू भैया भारतीय जनता पार्टी के एटा से सांसद हैं। कल्याण सिंह दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके है। कल्याण जी लंबे समय से बीमार चल रहे है, वर्तमान में वे लाइफ़ सपोर्ट सिस्टम पर है,लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनकी हालत नाज़ुक बनी हुई है।
इसके पहले वह राजस्थान के राज्यपाल औऱ हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में अपनी सेवा दे रहे थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर बाबरी मस्जिद विध्वंस में उनका कार्यकाल विवादों के बीच रहा। कल्याण सिंह जून 1991 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद उन्होंने इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुये 6 दिसम्बर 1992 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। कल्याण सिंह सितम्बर 1997 से नवम्बर 1999 तक पुनः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
राजनीतिक जीवन
कल्याण सिंह पहली बार जून 1991 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद उन्होंने इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुये 6 दिसम्बर 1992 को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया। इसके बाद 1993 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में अत्रौली और कासगंज से विधायक निर्वाचित हुये। चुनावों में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरा लेकिन मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी ने गठबन्धन सरकार बनायी। विधान सभा में कल्याण सिंह विपक्ष के नेता बने थे।वो सितम्बर 1997 से नवम्बर 1998 तक पुनः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
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21 अक्टूबर 1997 को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने कल्याण सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया। कल्याण सिंह पहले से ही कांग्रेस विधायक नरेश अग्रवाल के सम्पर्क में थे,जिसके बाद उन्होंने नयी पार्टी लोकतांत्रिक कांग्रेस का गठन किया और २१ विधायकों का समर्थन दिलाया। इसके लिए उन्होंने नरेश अग्रवाल को ऊर्जा विभाग का कार्यभार सौंपा।
दिसम्बर 1999 में कल्याण सिंह ने पार्टी छोड़ दी और जनवरी 2004 में पुनः भाजपा से जुड़े। 2004 के आम चुनावों में उन्होंने बुलन्दशहर से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा। 2009 में उन्होंने पुनः भाजपा को छोड़ दिया और एटा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय सांसद चुने गये।कल्याण सिंह ने चार सितम्बर 2014 को राजस्थान के राज्यपाल पद की शपथ ली थी। उन्हें जनवरी 2015 में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था।