See You At The Top Book Summary In Hindi|शिखर पर मिलेंगे

शुरुआत करने के लिए आपका महान होना ज़रूरी नहीं लेकिन महान होने के लिए आपका शुरुआत करना ज़रूरी है
                       
                       ज़िग ज़िगलर (zig ziglar)

परिचय

See You At The Top Book Summary In Hindi|शिखर पर मिलेंगे
See You At The Top Book Summary In Hindi|शिखर पर मिलेंगे

राल्फ वाल्डो एमर्सन ( Ralph Waldo Emerson ) ने एक बार कहा था ” बीता हुआ कल और आने वाला कल उतना इम्पोर्टेट नहीं है जितना कि अभी जो हमारे अंदर चल रहा है वो इम्पोर्टेट है ” . तो आप अभी अपनी लाइफ में कहाँ पर है ? क्या आपको लगता है कि आपने अपनी सारी एबिलिटीज यूज़ कर ली है ? क्या आपने अब तक अपना बेस्ट किया है ? या शायद आपको लगता है कि अभी तक आपने अपनी लाइफ में कुछ भी अचीव नहीं किया जो आप डिजर्व करते हो।

अगर ऐसी बात है तो ये बुक summary आपके हिसाब से एकदम परफेक्ट चॉइस है . कई बार हम लोगो को देखते है और खुद से पूछते है ” क्या मै भी कभी ऐसा बन पाउँगा … अगर मेरे पास ये होता या वो होता तो मै भी सक्सेसफुल होता . लेकिन ये बड़ी नेगेटिव थिंकिंग है . अभी इसी टाइम , इसी मोमेंट आपके पास वो सब कुछ है जो आपको सक्सेसफुल होने के लिए चाहिए . क्योंकि आपके पास आप खुद हो और वो सब कुछ है।

जो आपको टॉप पे ले जा सकता है . एक बड़ी पोपुलर स्टोरी है एक ओल्ड मेन के बारे में जो मरने वाला था . अपने आखिरी पलो में उस आदमी को पता चला कि जिस घर में वो इतने सालो से रह रहा था , उसके नीचे असल में सोने की खान है . उसे कभी पता ही नहीं चला कि वो एक्चुअल में इतना अमीर है और इस बात से अनजान उस ओल्ड मेन ने अपनी पूरी लाइफ उस घर में गुज़ार दी थी।

लेकिन आप उस ओल्ड मेन की तरह मत बनो।इस बुक summary का गोल आपके अंदर छुपी पोटेंशियल को बाहर निकालना है , ये आपको एक्शन लेने में हेल्प करेगी . ये आपको अपनी एबिलिटीज को मैक्सीमाइज़ करने के लिए इंस्पायर करेगी ताकि आप और आपके आस – पास के लोग एक बैटर लाइफ जी सके . मान लो आप सबसे नीचे वाली सीढ़ी में खड़े हो और टॉप पर पहुंचना चाहते हो।

और टॉप पर एक दरवाज़ा है जो आने वाले कल का है।और इस दरवाज़े के पीछे हैप्पीनेस , पीस , वेल्थ ,सिक्योरिटी , गुड हेल्थ और ढेर सारे मौके है।बेशक आप भी इस दरवाज़े तक पहुंचना चाहते हो लेकिन यहाँ तक पहुँचने के लिए कोई लिफ्ट नहीं है और कोई और शोर्ट कट भी नहीं है।बल्कि आपको सारे स्टेप्स लेने है तब जाकर आप वहां पहुंच सकते है।
इसलिए आपको एक – एक स्टेप लेना सीखना होगा . फर्स्ट स्टेप सेल्फ इमेज की है . सेकंड स्टेप है दूसरो के साथ आपके रिलेशनशिप . थर्ड स्टेप है गोल्स . फोर्थ स्टेप है एटेट्यूड . फिफ्थ स्टेप है वर्क और फाइनली सिक्स्थ स्टेप डिजायर है . तो अब अपना फर्स्ट स्टेप लेने का टाइम आ गया है . टॉप तक जाने की आपकी जर्नी आज से स्टार्ट होती है . बेकार की नेगेटिव थिंकिंग को डम्प कर दो . आपके अंदर ही एक गोल्ड माइन मौजूद है , एक काइंड , टेलेंटेड और सक्सेसफुल इंसान आपके अंदर छुपा बैठा है लेकिन आप टॉप पर क्यों नहीं पहुँच पा रहे ?

इसका एक रीजन शायद ये है कि आपने अब तक नेगेटिव थिंकिंग छोड़ी नहीं है . एक कहावत है ” आप जहाँ हो वहां इसलिए हो क्योंकि आप एक्जेक्टली वही पर होना चाहते हो ” . हो सकता है आपका दिल टूटा हो, हो सकता है आप लाइफ में बहुत कम्प्रोमाइज कर रहे हो या शायद दोस्तों और रिश्तेदारो से आपकी अनबन चल रही हो।

तो क्या आप लाइफ में यही चाहते थे ? क्या यही आपकी एक्सपेक्टेशन है ? आप मानो या ना मानो इसके पीछे रीजन आपकी गारबेज थिंकिंग या नेगेटिव थिंकिंग है . बचपन से ही हमे अपनी लाइफ को लेकर नेगेटिव आईडियाज और कमेंट्स मिलने शुरू हो जाते है . वो आपके कुछ यूं बोलते हैं ” तुम तो बस यही कर सकते हो ” या तुम बस यही बन सकते हो ” लेकिन एक्चुअल में ऐसा नहीं है . लोग चाहे आपको कितना भी डिसकरेज कर ले आप उन पर बीलिव मत करो।

आपका बैकग्राउंड चाहे जो भी हो वो मैटर नहीं करता , मैटर करता है आपकी लाइफ का एम् क्या और उस एम् को पूरा करने के लिए आप क्या कर रहे हो . बहुत से लोग अपनी प्रोब्लम्स के लिए पेरेंट्स को ब्लेम करते है या फिर अपने रिलेटिव्स , बॉस या कम्यूनिटी को कोसते रहते है . एक बार एक शहर के अंदर एक बड़ा सा गारबेज डम्प था।

100 सालो तक लोग वहां पर अपना सारा कचरा डालते रहे , साल दर साल कचरा जमा होता रहा . और फिर एक दिन कुछ प्रोग्रेसिव लोगो को उस गार्बेज डम्प में कुछ डिफरेंट नज़र आया . व्यू पॉइंट चेंज हुआ तो लोगो को वहां पर कचरे की जगह एक बड़ा सा शोपिंग सेंटर नजर आने लगा।

और बस फिर क्या था , लोगो ने वहां कचरा डालना बंद कर दिया और उस जगह को अच्छी मिटटी से भरना शुरू कर दिया . वो तब तक मिटटी भरते रहे जब तक कि वहां पर एक बढ़िया सी फाउंडेशन नहीं बन गयी . और कुछ सालो में ही उस गार्बेज डम्प की जगह शहर का सबसे बड़ा और मैग्नीफीशियेंट शोपिंग कॉम्प्लेक्स खुल गया जिसमे बड़ी – बड़ी चमक दमक वाली शॉप्स थी और वहां हर तरह के प्रोडक्ट्स मिलते थे।

जिस जगह पर लोग नाक बंद करके निकलते थे अब वो शहर की सबसे खूबसूरत जगह थी . और ये सब इसलिए हुआ क्योंकि लोगो ने अपनी ओल्ड थिंकिंग छोड़ कर एक न्यू वे ऑफ़ थिंकिंग अप्लाई की . तो आप भी इस वक्त अपने पास्ट का गार्बेज लेकर घूम रहे हो . लेकिन इसका कोई बेनिफिट नहीं है , इसलिए आज के दिन से ही आप अपनी लाइफ का फर्स्ट डे लेकर चलो।

ब्लैक बलून ( The Black Balloon )


जैसा हमने पहले भी कहा है , आपके पास वो सब है जो आपको सक्सेसफुल होने के लिए चाहिए . आप सक्सेसफुल होने के लिए ही बने है . आपकी सक्सेस और ड्रीम लाइफ आपके साथ स्टार्ट होती है . खुद पर डाउट मत करो और ना ही कोई एक्सक्यूजेस दो . ये वेट मत करो कि एक दिन लाइफ में बिग ब्रेक मिलेगा।

अपनी एबिलिटीज पर बिलीव करके तो देखो , आपकी ड्रीम लाइफ आपके हाथो में होगी . एक बार एक आदमी था जो न्यू यॉर्क सिटी में गुब्बारे बेचता था . जब उसके गुब्बारे नहीं बिकते थे तो वो कस्टमर्स को अट्रेक्ट करने के लिए एक बलून हवा में उड़ा देता था . और लोग हवा में उड़ता बलून देखकर उसके पास बलून लेने आ जाते थे . और वो आदमी हर टाइम एक डिफरेंट कलर का बलून उड़ाता था।

कभी व्हाइट , रेड या कभी येलो . एक दिन एक छोटा नीग्रो लड़का उसके पास आया उसने अपनी स्लीव्स ऊपर चढाई हुई थी , उसके बलून वाले से पुछा ” अगर आपतुम black बलून को छोड़ दोगे तो क्या वो भीऊपर उड जायेगा ? ‘ बेटा , बलून के अंदर जो हवा है वो उसे ऊपर ले जाती है ” बलून वाले ने जवाब दिया.आप आज लाइफ में जो भी है जहाँ भी है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता और आप बात जान ले तो अच्छा होगा . फर्क पड़ता है तो इस बात से कि आपके अंदर वो क्या चीज़ है जो आपको लाइफ में ऊपर तक लेके जाएगी।

Step 1st: सेल्फ इमेज ( Self – Image )


टॉप तक पहुँचने की जर्नी आपके अंदर से ही स्टार्ट होती है . ये उतना ईजी नहीं है लेकिन ये बात सच है . अगर आप ही खुद पे बिलीव नहीं करोगे तो दुसरो से आप कैसे एक्स्पेक्ट कर सकते हो की वो आप पर ट्रस्ट करे ? सबसे पहले तो आपको अपनी नेगेटिव सेल्फ इमेज से छुटकारा पाकर एक पोजिटिव सेल्फ इमेज बिल्ड करनी होगी।

खुद को अलग नजरिये से देखो . इमेजिन करो कि आपके फ्रेंड्स आपसे कुछ ऐसे बोल रहे है “ दोस्त , मैं तुम्हे डिस्टर्ब नहीं करता चाहता , और मैंने पैसो या किसी और फेवर के लिए भी कॉल नहीं किया , मै तो तुम्हे बस इतना बोलना चाहता हूँ कि तुम एक अमेजिंग पर्सन हो और अपने करियर और लोगो के लिए काफी कुछ कर रहे हो।

मुझे तुम्हारी फ्रेंड्सशिप पसंद है क्योंकि तुम मुझे इंस्पायर और मोटिवेट करते हो कि मै जो भी करूँ अपना बेस्ट करूँ . तुम एक ग्रेट फ्रेंड होजिसके साथ रहकर एंकरेजमेंट मिलती है . बस मै यही कहना चाहता हूँ और उम्मीद करता हूँ हम जल्द मिलेंगे ” . अब इन वर्ड्स को सूनने के बाद भला किसे अच्छा नहीं लगेगा ? आपको पता चलेगा कि आपके फ्रेंड्स आपके अंदर क्या पोजिटिविटी देखते है . अचानक से आपका कांफिडेंस बड जायेगा . आपको लगेगा कि आप तो बहुत कुछ कर सकते हो , और एक बार जब आपकी इमेज इम्प्रूव होगी तो परफोर्मेंस भी अपने आप इम्प्रूव हो जायेगी।

लेकिन कभी ऐसा भी होता है कि आप ज़रा भी मोटिवेटेड फील नहीं कर पाते . आपको लगता है कि बस मै इतना ही अचीब कर सकता हूँ इससे ज्यादा नहीं . मेरी लिमिट बस इतनी ही है . जब भी आप ऐसा सोचते है , असल में खुद से ही नजरे चुरा रहे होते है . एक बार इम्मानुएल निन्गेर ( Emmanuel Ninger ) नाम का एक टेलेंटेड पेंटर था , 1880 में वो बड़ा पोपुलर हुआ करता था , अपने बनाये ( portraits ) पोट्रेट्स के लिए नहीं बल्कि नकली डॉलर नोट के लिए।

एक बार इम्मानुएल ( Emmanuel ) एक लोकल ग्रोसरी स्टोर से टर्निप ले रहा था . उसने कैशियर को 20 डॉलर का नोट दिया . कैशियर ने देखा कि पैसे लेते वक्त उसकी फिंगर्स में इंक लग गया है . लेकिन उसने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और पैसे ले लिए . बेशक इम्मानुएल ( Emmanuel ) कुछ अलग टाइप का आर्टिस्ट था लेकिन वो फ्रॉड नहीं हो सकता था . उस कैशियर ने नोट के पैसे काट कर बाकी चेंज इम्मानुएल को वापस कर दिया . लेकिन बाद में जब उसने वो नोट चेक किया तो उसे असलियत पता चल गयी . उसने तुरंत पुलिस को कॉल किया।

20 डॉलर उन दिनों बड़ी रकम हुआ करती थी . एक पोलिस वाले को वो नोट असली लग रहा था लेकिन दूसरा कन्फ्यूज़ था क्योंकि नोट में से इंक छूट रही थी . उन्होंने सर्च वारंट इश्यू किया और इम्मानुएल के घर पहुंच गए . वहां जाकर उन्होंने जो कुछ देखा उससे पोलिस वाले हैरान रह गए . उन्हें एक छत के अंदर इम्मानुएल ( Emmanuel ‘ ) का काम करने का कमरा मिला जहाँ पर उसने 20 डॉलर के कई सारे फेक नोट्स बनाकर रखे हुए थे।

उन्होंने एक वन डॉलर का बिल भी देखा जिसे इम्मानुएल ने सूखने के लिए डाला हुआ था . इम्मानुएल एक स्किलड आर्टिस्ट था , वो इतना एक्सपर्ट था कि उसने 20 डॉलर एकदम असली दिखने वाले फेक नोट बनाये थे जिन्हें देखकर कोई भी धोखा खा सकता था . और उसी दिन इम्मानुएल को अरेस्ट कर लिया गया।

इस कन्ट्रोवर्सी की वजह से उसके हर एक आर्टवर्क का रेट $ 5,000 से बढकर $ 76,000 तक पंहुच गया . लेकिन अगर इम्मानुएल ने इतना टाइम और एफर्ट्स और ज्यादा पोट्रेट बनाने में लगाया होता तो वो काफी पैसा कमा सकता था . क्या पता तब वो और ज्यादा सक्सेसफुल होता . लेकिन इम्मानुएल ने अपनी एक्स्ट्राओर्डनरी टेलेंट को फ्रॉड कामो के लिए यूज़ किया।

शायद आपकी लाइफ में भी कभी ऐसा टाइम आया होगा जब आपको अनप्रोडक्टिव होने की फिलिंग आई हो . ये हम सबके साथ होता हैकि जब हमारी बुरी हैबिट्स और नेगेटिव थौट्स हम पर हावी होने लगते है , ऐसे में हम खुद को बड़ा एवरेज सा फील करते है . लेकिन इन फीलिंग्स को चेंज करना आपके हाथ में है . क्योंकि आप चोर बनो या जीनियस , ये सिर्फ आपकी चॉइस पे डिपेंड है . लेकिन इसके उलट जब आप खुद को एक ऐसा इंसान समझते हो जो कुछ भी अमेजिंग कर सकता है तो ऑटोमेटिकली आपकी परफोर्मेंस इम्प्रूव होने लगती है।

जब चाहो तो आप ट्राई करके देख लो . आप खुद के लिए अच्छा फील करोगे तो आपके साथ – साथ औरो की लाइफ भी improve होने लगेगी।

Step 2nd:दूसरो के साथ आपका रिलेशनशिप (Your Relationship with Others )


पोजिटिव सेल्फ इमेज आप जितनी जल्दी लाइफ में अप्लाई करोगे उतना आपका कांफिडेंस बढेगा और परफोर्मेंस बैटर होगी . और लोगो को देखने का आपका जो नजरिया है उस पर भी यही सेम चीज़ अप्लाई होती है . क्योंकि जब आप लोगो की अच्छाई पर फोकस करेंगे तो उन्हें बैटर ट्रीट करने लगेंगे . और फिर बदले में वो भी आपको बटर रिस्पोंस देंगे जोकि लोगो के साथ आपकी रिलेशनशिप इम्प्रूव करेगा।

चाहे आपका बच्चा हो , या पडोसी , या फिर कलीग , आप सबके साथ एक बैटर रिलेशनशिप एन्जॉय कर पाएंगे बस आप अपना नजरिया चेंज करके देखो . कई बार किसी इंसान के साथ हम रिश्ता उतना कम्फर्टेबल नहीं होता , लेकिन आप फिर भी उनमे कोई ना कोई पोजिटिव बात देखने की कोशिश करो . फिर धीरे – धीरे सिचुएशन बैटर होने लगेगी।

एक बार एक बिजनेसमेन बड़ी जल्दी में सब – वे की तरफ जा रहा था . रास्ते में उसने पेंसिल्स बेचने वाले एक आदमी के कप में एक डॉलर डाल दिया . वो आदमी ट्रेन में चढ़ा ही था कि उसे कुछ याद आया . वो उतरा और साइडवाक पे जाकर उस पेंसिल बेचने वाले से कुछ पेंसिल्स ले ली . उसने उस आदमी से माफ़ी मांगते हुए कहा कि “ सोरी , जल्दबाज़ी में मै पेंसिल्स लेना भूल गया था , आई होप कि आपको बुरा नहीं लगा होगा . आफ्टरआल आप भी मेरी तरह एक बिजनेसमेन है और आप सही रेट में अपना प्रोडक्ट बेच रहे है ” . कुछ मंथ्स बाद वो बिजनेसमेन एक सोशल गेदरिंग में गया।

एक नीट सा स्मार्ट सेल्समेन उसके पास आया और बोला ” शायद आपने मुझे पहचाना नहीं और मुझे भी आपका नाम नहीं पता , लेकिन मै आपको कभी नहीं भूल सकता . आप ही वो है जिसने मुझे मेरी सेल्फ – रिस्पेक्ट याद दिलाई . मै पहले भिखारीथा और पेंसिल्स बेचता था लेकिन आप वो इंसान है जिसने पहली बार मुझे बिजनेसमेन बोला .. ” तो एक सिंगल मुलाक़ात ने उस ओल्ड मेन की लाइफ चेंज कर दी।

उस बिजनेसमेन की तरह आप भी दूसरो की लाइफ को बड़े ही सिंपल वे में टच कर सकते हो . हो सकता है आप किसी को जानते हो जो मुश्किल में हो , कोई बच्चा , या कोई पडोसी या आपका कोई कलीग . या फिर कोई ऐसा जिसके साथ आप गुड टर्न्स में नहीं है।

फिर भी आप ट्राई करो , उनके अंदर कोई न कोई तो अच्छाई होगी . हो सकता है कि वो प्यार के भूखे हो , आप उन्हें उनकी वैल्यू फील कराओ , उन्हें पोजिटिव थौट दो . उन्हें अपने अंदर की गुडनेस देखने में हेल्प करो . क्योंकि दुनिया में हर कोई एक बैटर ट्रीटमेंट डिजर्व करता है . और आपके सिंपल जेस्चर से आप उनकी लाइफ में इम्प्रूवमेंट ला सकते है बेशक छोटी सी . जिस नजरिये से आप उन्हें देखते है , उसी तरह ट्रीट करते है और जिस तरह आप उन्हें ट्रीट करते है अक्सर वो वही बन जाते है ” तो आप अपने बच्चो को कैसे ट्रीट करते है ?

आपके कलीग्स आपके साथ कैसे है ? अगर आप टीचर है तो आपको कैसे स्टूडेंट्स मिले है ? ये सब कुछ आपके पर्सपेक्टिव पर डिपेंड करता है कि आप लोगो के साथ कैसा बिहेव करते है . आप बस अपना नजरिया बदलो , बाकी अपने आप चेंज हो जायेगा।

Step 3rd : लक्ष्य (Goals )


इस पॉइंट पे आके आपने एक अच्छी सेल्फ इमेज क्रियेट की है और लोगो के साथ आपके रिलेशनशिप्स भी अच्छे है . आप मेहनत करते है , खुद को बिज़ी रखते है लेकिन किसके लिए ? ऐसा क्या है जो आप अचीव करना चाहते है ? लाइफ में गोल्स बहुत इम्पोर्टेट है . उनके बिना आप लॉस्ट हो जायेंगे।

क्योंकि कोई डायरेक्शन नहीं होगी तो आप कभी भी अपनी मंजिल नहीं पा सकते . एक बायोलोजिस्ट ने एक बार ” कैटरपिलर्स ( caterpillars ) यानी तितली के बच्चे के साथ एक एक्सपेरीमेंट किया . ये सारे कैटरपिलर्स अंधे थे और अपने आगे वाले कैटरपिलर को फोलो करते थे . बायोलोजिस्ट ने उन्हें एक फ्लावर पॉट के किनारे पर एक के पीछे एक ऐसे रखा कि लास्ट वाला फर्स्ट वाले को टच कर रहा था।

उस फ्लावर पॉट के अंदर उसने पाइन नीडल्स प्लांट किये थे जोकि कैटरपिलर्स का फेवरेट खाना था . लेकिन उनमें से कोई भी कैटरपिलर पाइन नीडल के पास नहीं गया , सब एक के पीछे गोल – गोल चक्कर काट रहे थे . इस तरह कई मिनट , घंटे और दिन गुजर गए . कैटरपिलर यूं ही सर्कल में घुमते रहे और सात दिन बाद भूख और थकानकी वजह से सारे कैटरपिलर्स मर गए।

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उन्हें इतना भी पता नहीं चला कि उनका फेवरेट फूड पाइन नीडल उनके इतने पास था . तो कई बार हम भी कैटरपिलर्स की तरह बिहेव करते है . हम इतने बिज़ी हो जाते है और अपने आस – पास के लोगो को फोलो करते रहते है . हम ऐसा क्यों करते है , इसका कोई स्पेशिफिक रीजन नहीं है , बस हम जाने – अनजाने दूसरो को फोलो करने लगते है . लेकिन ये बड़ा गलत तरीका है जो आपको टॉप पर तो बिलकुल भी नहीं ले जायेगा।

जे . सी . पेनी ने एक बार कहा था ” तुम मुझे एक आमआदमी दो जिसका कोई गोल हो और मै तुम्हे एक ऐसा आदमी दूंगा जो इतिहास बना देगा . और अगर मुझे बिना गोल का कोई आदमी दोगे तो वो बस एक आमआदमी बन के रह जाएगा ” तो इसलिए आप जो भी है या जो कुछ भी कर रहे हो , लाइफ में एक गोल रख के चलिए।

जिसके पास कोई गोल नहीं है , वो उस फुटबॉल प्लेयर की तरह है जो बिना वजह फील्ड के चक्कर लगाता रहता है . आपके पास कोई गोल होगा तो आप उसी डायरेक्शन में आगे बढ़ेंगे . आपके हर काम में एक पर्पज और मीनिंग होना ज़रूरी है . लाइफ में गोल्स होंगे तो आप अपना हर एक मिनट सोच समझ कर स्पेंड करेंगे . आपकी विल पॉवर इनक्रीज होगी . फेमस एथलीट्स की रेपूटेशन इसीलिए बनती है।

क्योंकि वो हमेशा एक गोल सेट करते है . सबसे इम्पोर्टेट बात ये कि वो खुद को ही चेलेंज करते है जिससे उनकी परफोर्मेंस हर बार बैटर होती जाती है . रोजर बैनीस्टर ( Roger Bannister ) एक प्रोफेशनल रनर था , एक दिन उसने एक गोल सेट किया ” मै चार मिनट में एक मील तक दौड़ने की कोशिश करूँगा “उसके कोच ने बोला कि उसका अब तक बेस्ट रिकोर्ड चार मिनट और सिक्स सेकंड्स है।

मैंने साइंटिफिकली पता लगाया है कि इससे कम टाइम में रेस पूरी करना नामुमकिन है ” कोच ने कहा . और डॉक्टर ने कहा ” तुम चार मिनट में एक मील दौड़ना चाहते हो ? मगर क्यों , तुम्हारा हार्ट तुम्हारे सीने से निकल आएगा . तुम ये कर ही नहीं पाओगे ” सबको लगता था कि चार मिनट पर मील की रेस ह्यूमन कैपिसिटी के बस में नहीं है . लेकिन रोजर डिसकरेज नहीं हुआ . उसने पूरा फोकस अपने गोल पर लगाया और लास्ट में इम्पोसिबल को पॉसिबल करके दिखा दिया . रोजर पहला रनर था जिसने चार मिनट पर एक मील की रेस पूरी की थी।

Step 4th : व्यवहार (Attitude )


अच्छी इनकम , एक फुलफिलिंग करियर , लविंग फेमिली , गुड हेल्थ और लोगो की रिस्पेक्ट , ये सब आपको मिल भी सकता है अगर आप एक राईट एटीट्यूड लेकर चले तो . सिचुएशन चाहे जो भी हो , पोजिटिव या नेगेटिव रिएक्ट करना आपके हाथ में है . ये आपकी चॉइस है कि आप कोई काम एक्स्लेंट वे में करते है या मीडियोक्रिटी से . आपकी चॉइस है।

आप ऑप्टीमिस्टि बनो या पेस्सिमिस्ट यानी पॉजिटिव थिंकर बनो या नेगेटिव थिंकर ” वैसे तो एटीट्यूड सुनने में एक छोटा सा वर्ड है लेकिन ये काफी मैटर करता है ” ये उस 5 मिनट के डिफ़रेंस की तरह है जो फर्स्ट और सेकंड रनर के बीच होता है . ये वाल क्लोक के 5 मिनट डिले की तरह है . बेसिकली विनर और लूजर के बीच एटीट्यूड का ही डिफ़रेंस है . एक एवरेज स्टूडेंट सिर्फ गुड ग्रेड्स का एम् रखेगा लेकिन एक एक्सीलेंट स्टूडेंट हमेशा नॉलेज के पीछे भागेगा।

एक एवरेज सेल्समेन बस कोटा । सोचेगा जबकि एक एक्सीलेंट सेल्समेन बैटर सर्विस को अपना गोल बनाएगा . गर्मी की एक दोपहर में कुछ लोगो का ग्रुप रेलबोर्ड पर काम कर रहा था . तभी एक ट्रेन स्लोली वहां से गुजरती है . ट्रेन के लास्ट एयर कंडिशंड डब्बे पर सब लोगो की नजर पड़ती है।

जब वो लास्ट डब्बा उनके सामने आता है तो अचानक विंडो खुलती है और एक पैसेंजर बाहर झांकता है और पूछता है ” डेव , क्या ये तुम हो ” वो आदमी दरअसल उस ग्रुप के लीडर डेव एंडरसन को देख कर पूछ रहा होता है . ” बिलकुल मै ही हूँ जिम , तुम्हे देखकर अच्छा लगा ” ” डेव रिप्लाई करता है . दोनों फ्रेंड् एक दुसरे का हाल – चाल पूछते है . फिर जिम डेव को अपने घर आने के लिए इनवाईट करता है।
जिम मर्फी ( Jim Murphy ) एक्चुअल में रेलबोर्ड कंपनी का प्रेजिडेंट था , ग्रुप के लोग हैरान थे कि डेविड उसे पर्सनली जानता है . जब जिम की ट्रेन गुजर जाती है तो डेव उन्हें बताता है कि बिग बॉस जिम उसका इतना अच्छा फ्रेंड कैसे बना . 20 साल पहले डेव और जिम सेम क्रू में काम करते थे . दोनों रेलबोर्ड में साथ में जॉब करते थे . और दोनों की फ्रेंडशिप भी काम के दौरान ही हुई थी।

लेकिन डेव जहाँ $ 1.75 हर घंटे के हिसाब से काम करता था वही जिम रेलबोर्ड की इम्प्रूवमेंट के लिए पूरी तरह कमिटेड था . एक को क्रू लीड करने का मौका मिला जबकि दुसरे को पूरी कंपनी . डेव एवरेज तक सेटिसफाई था जबकि जिम का गोल था।

एक्सीलेंस अचीव करना . और इस तरह एक राईट एटीट्यूड की वजह से जिम को उसका रीवार्ड मिला . Negative लोग हमेशा यही बोलते है ” मै तभी बिलीव करूँगा जब मै खुद देखूगा ” लेकिन ऑप्टीमिस्ट बोलता है ” जब मै बिलीव करूँगा तभी तो देखूगा ” . पेसिमिस्ट लोग बहाने बनाते है जबकि ऑप्टीमिस्ट लोग सोल्यूशन लाते है।

पेसिमिस्ट के लिए ग्लास हाफ एम्प्टी है क्योंकि आधा पानी उसने निकाल लिया . लेकिन ऑप्टीमिस्ट बोलेगा कि ग्लास हाफ फुल है क्योंकि उसने उसमे पानी डाला है . लाइफ में सक्सेस और Failure के बीच अक्सर एक या दो इंच का डिफ़रेंस होता है ” एक बार दो रिएल्टी एजेंट्स थे जो एक पार्टी अटेंड करने गए।

उस टाइम ( General Motors ) जेर्नल मोटर्स स्ट्राइक पर थी . और इकोनोमी पर इसका काफी बड़ा इम्पेक्ट पड़ रहा था . पेसिमिस्ट आदमी के लिए तो ये सेलिंग का वर्स्ट टाइम चल रहा था . लोग फूड , क्लोथ्स , शूज़ तक नहीं खरीद पा रहे थे . तो ज़ाहिर है ऐसे में कोई घर खरीदने के लिए तो बिलकुल भी इंटरेस्टेड नहीं होगा।

मैंने कब से कोई घर नहीं बेचा , ऐसा ही चलता रह तो जल्दी ही मै बैंकरप्ट हो जाऊंगा ” पेसिमिस्ट एजेंट ने कहा . उसके नेगेटिव थौट्स उसे मिज़रेबल फील करा रहे थे . लेकिन तभी पार्टी में एक नएइंसान के आने से मूड चेंज हो गया . वो लेडी भी एक रियेलेटर ही थी , उसने बताया कि बहुत सारे बायर्स उसे फोन कर रहे है क्योंकि प्रोपर्टी इतनी सस्ती जो हो गयी थी।

जेर्नल मोटर्स की स्ट्राइक की वजह से रेट डाउन हो गए थे . वो लेडी अपने कस्टमर्स को उनका ड्रीम हॉउस लेने में हेल्प कर रही थी . “ अगर ये स्ट्राइक आगे सिक्स वीक्स और चली तो , मेरे पास काफी पैसे आयेंगे ” उस ऑप्टीमिस्ट लेडी ने कहा . दोनों रियेलेटर्स की सेम सिचुएशन थी लेकिन वो लेडी इसे स्माइल के साथ फेस कर रही थी।

वहीं पेसिमिस्ट एजेंट को इसमें नेगेटीविटी दिख रही थी . अपने पोजिटिव एटीट्यूड की वजह से उस लेडी को अपने सामने अपोयूँनिटीज नज़र आ रही थी जिसका उसने खूब बेनिफिट लिया और सक्सीड हुई।

Step 5th : काम (Work )


एक एम्प्लोयी से पुछा गया ” आप कब से यहाँ काम कर रहे हो ” तो उस यंग मेन ने जवाब दिया ” जब से उन लोगो ने मुझे जॉब से निकालने की धमकी दी है ” इसी बीच एक एम्प्लायर से भी पुछा गया “ कितने लोग आपके लिए काम करते है ? तो उसका जवाब था ” अबाउट हाफ ऑफ़ देम यानी मेरे पास जितने एम्प्लोयी हैउन में से आधे ” . कितनी अजीब बात है कि लोग जॉब स्टार्ट करते है छोड़ने की बात करते है . ज्यादातर लोगो को मंडे ज़रा भी पसंद नहीं है।

कई सारे लोग ऐसे है जो अपने काम पर जाने के लिए ज़रा भी मोटीवेटेड फील नहीं करते . लेकिन इस फ्रेम ऑफ़ माइंड के साथ आप कभी भी टॉप पर नहीं पहुँच सकते . अपनी जॉब से प्यार करना सीखो . एक्स्ट्रा एफर्ट दो , एक्स्ट्रा लोयेलिटी के साथ काम करो आपको लगता होगा कि एक अंडरपेड जॉब और टेरिबल बॉस के साथ कोई काम को कैसे एन्जॉय कर सकता है।

लेकिन लगे रहो , बेशक अभी आपको इसका रीवार्ड ना मिले मगर आपको कई और अच्छे रिजल्ट्स मिलेंगे . चार्ल्स नाम का एक ऑफिस बॉय था . अपने काम की वजह से वो हमेशा दौड़ता भागता रहता था . उसे सेलरी इन्क्रीमेंट चाहिए थे और अगर उसका करंट एम्प्लोयर उसके पैसे नहीं बढायेगा तो वो किसी और कंपनी में जॉब ढूंढ लेगा . और कई दुसरे लोग उसे जॉब पर रख भी लेंगे क्योंकि उसके जैसा हार्डवर्किंग एम्प्लोयीज़ भला कौन नहीं चाहेगा ?

आप जो भी जॉब कर रहे हो , पूरे दिल से करो और टाइम पे ऑफिस पहुँचो . जिस चीज़ की आपसे उम्मीद की जाती है कोशिश करो कि उस पर खरा उतरो . इन फेक्ट , उससे कुछ ज्यादा ही करो . अगर आप ज्यादा नहीं करोगे तो ज्यादा सेलरी की उम्मीद कैसे रख सकते हो ? आपका बॉस शायद फिर आपसे यही बोलेगा ” तुम जो डिजर्व करते हो मै तुम्हे वो इन्क्रीमेंट दूंगा।

जब तुम इफेक्टिव होंगे तो तुम्हे रीवार्ड भी इफेक्टिव मिलेगा ” . सक्सेसफुल लोग असल में अपने काम को काम ही नहीं मानते . बल्कि वे इसे एन्जॉय करते है . जो भी वो करते है पूरी तरह इन्वोल्व हो जाते है और अपनी प्रोग्रेस पर उन्हें प्राउड फील होता है . जॉन नेविन ( John Nevin ) एनसाइक्लोपीडीया ( encyclopaedias . ) बेचने का काम करता था।

उसने खुद को इस काम में पूरी तरह डेडीकेट कर दिया था . उसे अपना ये काम , अपनी जॉब और अपनी फेमिली पसंद थी . अपने इस राईट एटीट्यूड की वजह से ही उसे सक्सेस मिली . जॉन खुद को लकी समझता था कि उसे ये जॉब मिली लेकिन उसका डेडीकेशन ऐसा था कि अपने जॉब के लिए वो लकी बन गया।

पहले वो एक पार्ट टाइम सेल्समेन था , और आज वो मैनेजिंग डायरेक्टर बन गया था . क्या आपको लगता है कि जॉन इतना आगे बढ़ पाता अगर वो मोटीवेट नहीं होता तो ? सेक्रेट्री बॉस से ये नहीं बोल सकती कि पहले मेरी सेलरी बढाओ फिर मै अच्छा काम करूँगी ” या सेल्समेन ये नहीं बोलेगा कि मुझे सेल्स मैनेजर बनाओ फिर देखो मै क्या करता हूँ ” क्योंकि रीवार्ड्स कभी भी काम के पहले नहीं मिलते।लाइफ का यही फंडा है . इसलिए आज ही से अपनी जॉब में एक्स्ट्रा एफ डालो और फिर देखो आपका रीवार्ड्स भी एक्स्ट्रा मिलेगा।

Step 6th : इच्छा (Desire )


आपने अपनी जर्नी एक पोजिटिव सेल्फ इमेज से स्टार्ट की . तो आपको लोगो में गुडनेस भी नजर आने लगेगी . पहले अपने लिए क्लियर गोल्स सेट करो फिर राइट एटीट्यूड के साथ आगे बढ़ो . खुद को काम के लिए कमिटेड कर दो . इस पॉइंट पे आके , टॉप तक पहुँचने के लिए आपको अब सिर्फ एक चीज़ की ज़रूरत है और वो है डिजायर।

डिजायर ही आपको हाईएस्ट लेवल की परफोर्मेंस देने के लिए मोटीवेट करती है . जिससे आप पूरी फुल स्पीड से अपनी मंजिल की तरफ बढोगे . हो सकता है कि आपके रास्ते में बहुत मुश्किलें खड़ी हो , हो सकता है कि आपके सामने कई सारे चेलेंजेस हो , लेकिन डिजायर है तो कुछ भी इम्पोसिबल नहीं . तो अपना 100 % दो . जो भी करो हाई परफोर्मेंस के साथ करो।

आपका सबसे अब्दा कॉम्पटीशंन आप खुद हो . इसलिए अपने लिए कोई लिमिट डिसाइड मत करो . डिजायर्स इतनी पॉवरफुल होती है कि ये किसी भी फिजिकल बैरियर को तोड़ने का दम रखती है . आप डिजायर के इस इंजिन पर सवार होकर टॉप पर पहुँच सकते है।

एक बार बिली मिसके ( Billy Miske ) नाम का एक बॉक्सर था . उसने बॉक्सिंग में कई स्ट्रोंग अपोनेंट्स को हराया था . उसने वर्ल्ड हैवीवेट चैपियनशिप भी खेला था . लेकिन बिली जब 25 साल का हुआ तो उसे एक सिरियस बीमारी हो गयी थी . डॉक्टर्स ने उसे बॉक्सिंग छोड़ने को कहा . लेकिन  बिली नहीं माना . उसके पास पैसे कमाने का सिर्फ यही एक तरीका था , उपर से उसकी फेमिली भी उस पर पूरी तरह डिपेंडेंट थी।

बिली 29 साल की एज तक बॉक्सिंग करता रहा . इस टाइम तक आते – आते उसकी किडनीज फेल हो चुकी थी . उसकी हेल्थ खराब होती जा रही थी। बिली इतना वीक हो चूका था कि ना तो वो जिम में ट्रेनर की जॉब कर सकता था और ना ही कहीं और अब उसके पास घर पर बैठने के अलावा कोई और चॉइस नहीं बची थी।

अपनी बीमारी से दुखी था लेकिन अपनी फेमिली को गरीबी में स्ट्रगल करते देखना उससे भी बड़ा दुःख था उसके लिए . क्रिसमस आने ही वाला था और बिली चाहता था कि वो अपनी फेमिली को क्रिसमस पर कुछ गिफ्ट करे . उसने सोचा आखिर इतना तो मै कर ही सकता हूँ . वो अपने मैनेजर जैक के पास गया और उससे अपने लिए एक फाइट अरेंज करनी की रिक्वेस्ट की . मैनेजर ने ऐसा करने से साफ़ मना कर दिया , लेकिन बिली जिद पे अड़ गया।

वो जानता था कि अब उसकी लाइफ थोड़ी सी बची है और शायद ये उसका लास्ट क्रिसमस हो अपनी फेमिली के साथ इसलिए वो इस क्रिसमस पे उन्हें कुछ स्पेशल देना चाहता था . जैक ने बिली को वापस शेप में आने को बोला . लेकिन बिली अपनी पूरी ताकत बचाकर रखना चाहता था , उसने जैक से प्रोमिस किया कि वो जी – जान लगाकर ये फाईट लडेगा।

उसके बैटर जजमेंट के उलट मैनेजर ने बिली के लिए एक अच्छा अपोनेंट भी ढूंढ लिया था . बॉक्सिंग मैच नेब्सका में होना डिसाइड हुआ . बिली को जॉन ब्रेनन से फाइट करनी थी जो उसी की तरह एक स्ट्रोंग फाइटर था . कई मंथ्स के बाद बिली वापस रिंग में उतरने जा रहा था . उसकी बॉडी वीक थी लेकिन उसके इरादे बहुत मज़बूत थे . और उस दिन वो $ 2,400 . के साथ घर लौटा।

बिली ने अपनी पूरी प्राइज मनी स्पेंड करके अपनी फेमिली के साथ अब तक का सबसे बेस्ट क्रिसमस सेलिब्रेट किया . लेकिन 26 दिसम्बर को उसकी फेमिली उसे लेकर हॉस्पिटल भागी . न्यू इयर के ठीक एक दिन पहले बिली की डेथ हो गयी . उसके फ्रेंड्स बिलीव नहीं कर पा रहे थे , सिर्फ सिक्स वीक पहले ही तो उसने अपने अपोनेंट को राउंड फॉर में नॉक आउट किया था . ये थी डिजायर की पॉवर , जो बिली के लास्ट पंच के पीछे थी।

निष्कर्ष


आपने टॉप तक पहुचने के सिक्स स्टेप्स के बारे में सीखा जो है सेल्फ इमेज , रिलेशनशिप विद अदर्स , गोल्स , एटीट्यूड , वर्क एड डिजायर . कोई भी चाहे तो टॉप पर पहुँच सकता है।
इसके लिए कोई एज , जेंडर , एजुकेशन या वर्क एक्स्पिरिएंश की लिमिट नहीं है . आपको बस इन स्टेप्सको फोलो करना है जो आपको टॉप तक जाने में हेल्प करेंगे , जहाँ आपके लिए हैप्पीनेस , लव , रिचेस , गुड हेल्थ और ढेर सारी अपोरच्यूनिटी के दरवाजे खुले है।

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